BNS की समीक्षा बैठक के बीच चंद्रशेखर आजाद ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी, कर दी ये मांग
देश भर में बीएनस को सही और उचित तरीके से लागू करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं. इस बीच नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक चिट्ठी लिखी है.

UP Politics: उत्तर प्रदेश स्थित नगीना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. नगीना सांसद ने गृह मंत्री को यह चिट्ठी पुलिस कर्मियों को लेकर लिखा है. यह चिट्ठी ऐसे वक्त में लिखी गई है जब गृह मंत्री अमित शाह देश भर में बीएनएस को सही और उचित तरीके से लागू करने संबंधी समीक्षा बैठकें कर रहे हैं.
चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर चिट्ठी पोस्ट करते हुए लिखा है- पुलिस सुधारों को शीघ्र लागू करने हेतु माननीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा, इस उम्मीद के साथ कि वे जल्द ही इसका संज्ञान लेकर आवश्यक व ठोस निर्णय लेंगे.
पुलिस सुधारों को शीघ्र लागू करने हेतु माननीय गृह मंत्री @AmitShah जी को पत्र लिखा, इस उम्मीद के साथ कि वे जल्द ही इसका संज्ञान लेकर आवश्यक व ठोस निर्णय लेंगे।@mygovindia @HMOIndia pic.twitter.com/K43GeglbLQ
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) March 19, 2025
चंद्रशेखर ने गृह मंत्री को संबोधित चिट्ठी में लिखा है- भारत की पुलिस व्यवस्था देश की आंतरिक सुरक्षा व कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. पुलिसकर्मी 365 दिन और 24 घंटे कार्यरत रहते हैं, लेकिन उनकी कार्य-स्थितियाँ अमानवीय हैं. 1996 से सर्वोच्य न्यायालय में पुलिस सुधारों की मांग उठ रही है, लेकिन अब तक इसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया. धर्मवीर आयोग (1978), पद्मनामैया समिति (2000), मलीमठ समिति (2002-03) और जूलियो रिबेरी समिति (1998) जैसी समितियां गठित हुई, लेकिन उनकी अनुशंसाओं पर ठोस कार्यवाही नहीं हुई. 2006 में सर्वोच्च न्यायालय ने सात प्रमुख सुधार लागू करने के निर्देश दिए, लेकिन अधिकांश राज्यों ने उन्हें कमजोर रूप में लागू किया.
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पुलिसकर्मियों के लिए कोई निश्चित कार्य-शैली- सांसद
नगीना सांसद ने लिखा- भारत में पुलिसकर्मियों के लिए कोई निश्चित कार्य-शैली नहीं है, जिससे उनकी दक्षता प्रभावित होती है. भारत में पुलिस सुधारों को लागू करने में सरकारों की उदासीनता स्पष्ट दिखती है. पुलिसकर्मियों के अधिकारों की रक्षा करना न केवल उनके हित में है, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा के लिए आवश्यक है. निवेदन है कि पुलिस सुधारों को शीघ्र मंजूरी देकर इन्हें सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए जाएं. इससे न केवल पुलिसकर्मियों को राहत मिलेगी, बल्कि आम जनता को भी बेहतर पुलिस सेवा प्राप्त होगी.
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