UP News: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के बीच नगीना से सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया के जरिए वंदे भारत ट्रेन पर हुए हमले की जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि यह हमला दिल्ली से कानपुर आ रही वंदे भारत ट्रेन पर किया गया है. सांसद के अनुसार, जब ट्रेन बुलंदशहर स्टेशन से आगे पहुंची तो उसपर पत्थर फेंके गए हैं.


सांसद ने हमले के बारे में जानकारी देते हुए लिखा, 'आज सुबह मैं वंदे भारत ट्रेन से दिल्ली से कानपुर की यात्रा कर रहा था. सुबह लगभग 7:12 बजे ट्रेन ने जैसे ही बुलंदशहर जिले के कमालपुर स्टेशन को पार किया, तभी बाहर से किसी असामाजिक तत्व ने पत्थर फेंके, जिससे मेरे से दो सीट आगे बैठे यात्री के पास का शीशा चकनाचूर हो गया. इस घटना से मैं हतप्रभ और स्तब्ध रह गया.'


1503 घटनाओं का दावा
नगीना सांसद ने कहा, 'इस घटना से न केवल सरकारी संपत्ति को क्षति पहुँची, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हुआ है. ऐसी घटनाएं निंदनीय हैं और किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जा सकतीं है. एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में ऐसी घटनाओं का आंकड़ा 1503 तक पहुँच गया, जिससे रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.'


उन्होंने आगे लिखा, 'यह आंकड़ा सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर इस तरह की घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं. ट्रेन पर पथराव से न केवल संपत्ति को क्षति होती है, बल्कि यह यात्रियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. यह समझने की आवश्यकता है कि रेलवे देश की एक अमूल्य संपत्ति है और इसका संरक्षण देश के हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है.'


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देश की छवी को नुकसान- सांसद
चंद्रशेखर आजाद ने लिखा, 'समाज में इस तरह की हरकतें न केवल असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं बल्कि हमारे देश की छवि को भी नुकसान पहुँचाती हैं. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री जी, रेलवे पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, साथ ही समाज में जागरूकता भी फैलानी चाहिए.'


भीम आर्मी चीफ ने लिखा, 'मेरा निवेदन है कि परिवार में माता-पिता और स्कूलों में अध्यापकों द्वारा बच्चों को इस विषय पर जागरूक करना आवश्यक है. इससे न केवल ऐसी घटनाएं कम होंगी, बल्कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो पाएगी. हम सभी को एक जागरूक नागरिक बनना चाहिए. यह देश हमारा है, और देश की संपत्ति की सुरक्षा केवल सरकार की ही नहीं बल्कि हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी और संवैधानिक मूल कर्तव्य है.'