Chandrashekhar Azad in Parliament: नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आज यानी मंगलवार (2 जुलाई) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखी. उन्होंने इस दौरान उन्होंने आज़ादी, जातीय जनगणना, संख्या के आधार पर आरक्षण, शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों का विकास, बहुजन समाज के छात्रों के साथ हो रहे भेदभाव समेत तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी.


आजाद समाज पार्टी के मुखिया और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आज लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा,14 अगस्त 1947 को ये देश अंग्रेजों के अधीन था. 15 अगस्त 1947 को हम लोग आजाद हुए और 16 अगस्त को देश आजादी में था, लेकिन देश में धन, धरती और राज पाठ में बंटवारा नहीं हुआ. जो साधन संसाधन थे उनमें बंटवारा सही रूप से नहीं होने के कारण एक बहुत बड़ी आबादी सुविधाओं से वंचित रह गई और समाज से वंचित रह गई.


जातीय जनगणना की मांग 


नगीना सांसद ने आगे कहा कि  उनको सम्मान देने के लिए और अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचे इसके लिए लोकतंत्र की व्यवस्था हुई, लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी हम कहां खड़े हैं, यह चिंता की विषय है. सामाजिक न्याय तभी होगा जब जातीय जनगणना पूरी होगी और जातीय जनगणना कराई जाएगी और साथ साथ संख्या के आधार पर आरक्षण है जो वंचित वर्गों का बढ़ाया जाएगा. उसके साथ साथ 70 फीसदी आबादी तो गांव में रहती है. तो ऐसे में गाँव की आबादी के बारे में भी सोचना होगा कि उनका जीवन कैसे बदले.


बहुजन समाज के छात्रों से साथ भेदभाव?


नगीना सांसद ने चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा कि कहा कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में बहुजन समाज के जो छात्र हैं उनके साथ जाति के नाम पर भेद भाव होती है. नियंत्रण उनकी हत्या हो रही है. साथ-साथ जो सरकारी कर्मचारी हैं दफ्तरों में उनके साथ भी भेदभाव होती है. मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भी जातिगत और धार्मिक शोषण किया जा रहा है. इसलिए मेरी मांग है कि पुरानी पेंशन को भी फिर से बहाल किया जाए. ताकि जो सरकारी कर्मचारी देश की सेवा में लगे हुए हैं उनका भी सम्मान होना चाहिए. 


''अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बंद हो''


नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने चुनावी फायदे के लिए सबका साथ और सबका विकास के नारे दिए, जो बिल्कुल खोखले हैं. क्योंकि 10 साल में पिछड़े आदिवासी, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर जो अत्याचार हुए हैं वो किसी से छिपे हुए नहीं हैं. ये ग़लत है ये बंद होना चाहिए. 


अग्निवीर योजना को हटना की मांग 


आज़ाद ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में निजी क्षेत्रों में एससी एसटी, ओबीसी को आरक्षण देने का कोई उल्लेख नहीं हुआ है. जो कि आज चर्चा का विषय है. आज 98 फीसदी प्राइवेट सेक्टर है. 2 फीसदी केवल सरकारी सेक्टर है. 98 फीसदी प्राइवेट सेक्टर में भी हमारी हिस्सेदारी की बात होनी चाहिए.  इस दौरान उन्होंने नगीना क्षेत्र का भी ज़िक्र किया और रोजगार बढ़ाने की बात की. ताकि युवक नगीना से पलायन नहीं कर सके. चीन के मुद्दे को लेकर भी उन्होंने कहा कि चीन हमें आँख दिखा रहा हैं. वो हमारी सीमाओं में घुसपैठ कर रहा है. इस अग्निवीर योजना को हटाकर एक बार फिर से सेना भर्ती शुरू की जाए और साथ साथ चमार रेजिमेंट को एक बार फिर से बहाल किया जाए.


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