Uttar Pradesh News Today: लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान शुक्रवार (7 फरवरी) को आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने सरकार से सेना के जवानों का वेतन टैक्स फ्री करने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह हमारे सैनिकों के सम्मान में एक महत्वपूर्ण और सार्थक फैसला होगा.
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान अपने संबोधन में कहा कि हम देश में सुरक्षित इसलिए हैं क्योंकि बॉर्डर पर हमारी सेना खड़ी है. उन्होंने कहा कि पॉर्लियामेंट में भी अर्ध सैनिक बलों की वजह से हम सुरक्षित महसूस करते हैं. इसलिए सरकार से मांग है कि सेना और अर्ध सैनिक बलों के वेतन को टैक्स फ्री किया जाए.
'जवानों को टैक्स फ्री करे सरकार'
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सदन में कहा, "अगर उनके (सेना और अर्ध सैनिक बल) वेतन पर टैक्स लगेगा, तो यह दुखद है. उनकी पीड़ा को हमलोग समझ सकते हैं. वह अपनी पीड़ा बताएं भी तो किससे? जब उनकी कोई यूनियन ही नहीं है." उन्होंने कहा कि ऐसे में यह जरुरी है जवानों का वेतन टैक्स फ्री होना चाहिए, जिससे वह अपने बच्चों की तरक्की कर सकें.
सोशल मीडिया एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट एक संदेश में चंद्रशेखर आजाद ने लिखा, "कल लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान, मैंने केंद्र सरकार से मांग की कि देश की रक्षा में दिन-रात अपने प्राण न्योछावर करने वाले भारतीय सेना और अर्द्ध सैनिक बलों (सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, असम राइफल्स) के जवानों के वेतन को आयकर से मुक्त किया जाए."
आजाद समाजपार्टी के अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यह कदम हमारे सैनिकों के सम्मान में एक महत्वपूर्ण और सार्थक निर्णय होगा. उन्होंने कहा कि गरीबों को बजट से बहुत आशा थी, लेकिन जब बजट आया तो निराशा मिली.
'एससी-एसटी का बजट हुआ कम'
चंद्रशेखर आजाद ने कांशीराम के एक नारे का जिक्र करते हुए कहा कि 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी.' उन्होंने कहा कि साल 2024-25 के सरकार ने शेड्यूल ट्राइब और शेड्यूल कास्ट के लिए 3.43 फीसदी बजट आवंटित किया था, जबकि उनकी आबादी 22 से 25 फीसदी के करीब है. इसी तरह 2025-26 में सरकार ने एससी-एसटी के लिए सिर्फ 3.33 फीसदी बजट दिया, जो पिछली बार से भी कम है. आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि इसको देखकर ऐसा लगता है कि सरकार ने एससी-एसटी की हालत सुधार दी है, जबकि धरातल पर सच्चाई क्या है किसी से छिपा नहीं है.
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