Waqf Board: संसद का बजट सत्र जारी है. सोमवार को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल समेत कई अहम विधेयक पटल पर रखे जाएंगे. विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच बीते एक सप्ताह तक चली तीखी बहस के बाद आशंका पूरी है कि सोमवार को भी सदन में हंगामा होने की संभावना है. इससे पहले नगीना से सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की इस विधेयक पर प्रतिक्रिया आई है.
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने 'मीडिया में आई खबरों के अनुसार कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक ला सकती है', पर कहा, "केंद्र, उत्तर प्रदेश और भाजपा की तमाम राज्य सरकारें मुसलमानों की कितनी हितैषी हैं यह किसी से छिपा नहीं है. मैं अच्छी तरह जानता हूं कि आपका मकसद इन वर्गों को कमजोर करना है, ताकतवार करना नहीं."
विधायी एजेंडे में अपडेट नहीं
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार, वक्फ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी संसद में पेश कर सकती है, जिससे वक्फ बोर्ड के संपत्ति नामित करने के अधिकार को सीमित किया जा सकता है. इन बदलावों में संपत्ति के दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल होगा.
हालांकि, सरकार की ओर से इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है. सोमवार से सत्र शुरू होने से पहले विधायी एजेंडे में इसे लेकर कोई अपडेट भी नहीं किया गया है. रविवार को रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि यह कदम मुस्लिम समुदाय की मांगों के अनुरूप है.
बोर्डों की शक्तियों का विस्तार किया था
ज्ञात हो कि साल 2013 में, कांग्रेस सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों की शक्तियों का विस्तार किया था, जो मुस्लिम कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए नामित संपत्तियों को विनियमित करता है.
नए संशोधनों का मकसद केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ संपत्तियों की निगरानी के लिए उपाय करना और संपत्ति सर्वेक्षण में देरी को दूर करने जैसी बात शामिल है.