लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्ति पर भड़के चंद्रशेखर आजाद, कहा- 'बिना कोई परीक्षा पास किए...'
UP News: केंद्र सरकार विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के पदों पर बिना परीक्षा के लेटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्ति करेगी. इस पर चंद्रशेखर आजाद ने सरकार पर हमला बोला है.
UP News: केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे. ये सभी पद यूपीएससी के तहत भरे जाते थे. लेकिन इस बार ये पद लेटरल एंट्री के माध्यम से भरे जाएंगे. वहीं इसपर आरक्षण को लेकर भीम आर्मी के चीफ और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. चंद्रशेखर आजाद ने एक पोस्ट के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि परम् पूज्य बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा के सामने सिर झुकाकर, संविधान को माथे पर लगाने वाले प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार उसी संविधान की किस कदर हत्या करने पर तुली है. लेटरल एंट्री का यह नोटिफिकेशन इसका जीता जागता उदाहरण है. केंद्र सरकार द्वारा अपनी विचारधारा के 45 लोगों को बिना कोई परीक्षा पास किए बैकडोर से मंत्रालयों में बैठने के लिए एक बार फिर से विज्ञापन निकाल दिया है. जिसमें किसी भी पद पर कोई आरक्षण नहीं है. लेटरल एंट्री के ज़रिए भरे जाने वाले इन पदों में 𝟒𝟓 जॉइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी हैं.
पहले भी हो चुकी है ऐसी नियुक्तियां
यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से इन 𝟒𝟓 𝐈𝐀𝐒 की नियुक्ति करती तो उसमें 𝐒𝐂/𝐒𝐓/𝐎𝐁𝐂 वर्गों का आरक्षण होता यानि 𝟒𝟓 में से तकरीबन 𝟐𝟑 अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होकर आते. लेकिन आरक्षण और संविधान विरोधी केंद्र की भाजपा सरकार ने चोर दरवाजे यानि बैकडोर से खास जातियों और विचारधारा के चहेतों को मंत्रालयों में बैठने का प्रबंध कर लिया है. गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है इससे पहले मोदी सरकार लेटरल एंट्री के नाम पर विभिन्न मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी व डायरेक्टर के पदों पर 2017 से 2023 के बीच लगभग 52 नियुक्तियां कर चुकी है. कोई आरक्षण नहीं दिया गया.
बिना परीक्षा सीधी राजनीतिक सरपरस्ती के चलते नियुक्ति मिल गई. अब एक बार फिर से 45 पदों पर विज्ञापन आया है. इसलिए ये कहा जा सकता है कि इन पदों की अघोषित योग्यता ये है कि अभ्यर्थी संघ से जुड़ा हो और राजनीतिक तौर पर भाजपा की विचारधारा लिए काम करता हो. OBC/SC/ST में जबरन क्रीमी लेयर खोजने वाले माननीय न्यायमूर्तियों और केंद्र सरकार से सवाल इन पदों पर इन वर्गों का तथाकथित क्रीमीलेयर कहां चला जाता है. भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी इस संविधान विरोधी बैक डोर एंट्री का संसद से लेकर सड़क तक पुरजोर विरोध करेगी.
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