Nainital News: नैनीताल में भीमताल के तल्लीताल क्षेत्र के ढुंगशिल पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन ने इलाके के निवासियों के बीच चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है. लगातार भूस्खलन के कारण पहाड़ी का मलबा अब धीरे-धीरे घरों की ओर बढ़ता जा रहा है, जिससे ढुंगशिल के स्थानीय निवासियों के साथ-साथ नीचे बसे खैरोला, हरिनगर, बेरीजाला, सलड़ी और आमडाली गांवों के करीब 200 से अधिक ग्रामीणों की सुरक्षा खतरे में है.पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.

पहले भी तल्लीताल के निवासियों ने पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन और पानी के रिसाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई थी. तत्कालीन जिलाधिकारी ने पहाड़ी के नीचे सिंचाई विभाग की मदद से कुछ उपाय किए, जिनमें गांव को सुरक्षित रखने के लिए चेकडैम का निर्माण भी शामिल था. इसके तहत पानी के बहाव को नियंत्रित कर भूस्खलन को रोकने की कोशिश की गई, परंतु यह उपाय कारगर साबित नहीं हुए. पहाड़ी से मलबा और पत्थर अब भी खतरनाक तरीके से गिर रहे हैं, जिससे हालात दिन-ब-दिन चिंताजनक होते जा रहे हैं.

ग्रामीणों की भू-वैज्ञानिक जांच की मांग
स्थानीय निवासी लंबे समय से प्रशासन से भू-वैज्ञानिकों की टीम से इस क्षेत्र का निरीक्षण कराने की मांग कर रहे हैं. उनका मानना है कि पहाड़ी के भूगर्भीय कारणों और मिट्टी की स्थिति का गहराई से अध्ययन करके ही भूस्खलन को रोकने के लिए सही कदम उठाए जा सकते हैं. सलड़ी के क्षेत्र पंचायत सदस्य गोपाल कृष्ण भट्ट ने कहा कि भूस्खलन की गति बढ़ रही है, जिससे यहां के मकानों और स्थानीय निवासियों को खतरा बढ़ता हुआ दिख रहा है.

ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर
ढुंगशिल की पहाड़ी से हो रहे लगातार भूस्खलन का असर स्थानीय निवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ रहा है. लोगों को अपने घरों में सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा, और हर दिन उन्हें इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं अचानक से भारी मलबा गिरने से कोई हादसा न हो जाए. खैरोला, हरिनगर, बेरीजाला, सलड़ी और आमडाली के गांवों में रहने वाले लोगों के लिए घर छोड़ने की स्थिति बन रही है. ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या का समाधान न किया गया, तो आने वाले समय में कई परिवारों को विस्थापित होना पड़ सकता है.

प्रशासन की अनदेखी पर नाराजगी
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन उनकी इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज कर रहा है. पिछले कुछ सालों में कई बार अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. क्षेत्र पंचायत सदस्य भट्ट के अनुसार, प्रशासन को केवल तात्कालिक कदम उठाने के बजाय इस समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पहाड़ी पर उपयुक्त तकनीकों के जरिए भूस्खलन को रोकने की कोशिश की जा सकती है, पर इसके लिए प्रशासन को पहले क्षेत्र की भूगर्भीय स्थिति का विश्लेषण कराना होगा.

सुरक्षा की आस में ग्रामीण
स्थानीय निवासी उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी गुहार पर ध्यान देगा और ढुंगशिल पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए उचित कदम उठाएगा. भूस्खलन का खतरा केवल उनके घरों पर नहीं, बल्कि उनके जीवन पर भी मंडरा रहा है. ग्रामीणों को अब भी आस है कि जल्द ही प्रशासन इस पर ठोस कार्रवाई करेगा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएंगे.


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