Uttarakhand Water Supply: उत्तराखंड के हल्द्वानी (Haldwani) में पेयजल की आपूर्ति और समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी वंदना सिंह (Vandana Singh) ने शीशमहल स्थित जल संस्थान के फिल्टर प्लांट का स्थलीय निरीक्षण किया. उन्होंने जलापूर्ति के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के प्रोजेक्ट्स के संबंध में परीक्षण के लिए स्थलीय निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने कहा कि गर्मी और मानसून के सीजन में हल्द्वानी शहर में पानी की काफी समस्या बनी रहती है. शहर की दैनिक आवश्यकता लगभग 70 से 80 एमएलडी की है. शीशमहल प्लांट से ग्रेविटी के जरिए लगभग 35 एमएलडी पानी उपलब्ध हो पाता है. अतिरिक्त पानी के लिए नलकूपों पर निर्भरता के कारण मानसून सीजन में मोटर या पम्प खराब होने की घटनाएं होने से जलापूर्ति प्रभावित होती हैं.
वंदना सिंह ने कहा कि पम्पिंग की सप्लाई से भूमिगत जल प्रभावित होती है. हल्द्वानी शहर में भूमिगत वाटर सप्लाई का लेवल काफी कम है. इसके लिए दीर्घकालीन प्रस्तावों पर विचार करने की आवश्यकता है. इसके समाधान के लिए कई बड़ी योजनाओं पर कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा एडीबी की ओर से स्टोरेज और वाटर सप्लाई डिस्ट्रीब्यूशन के साथ ही नलकूपों पर भी कार्य कर रहा है.
'पूरे वॉटर सप्लाई को ग्रेविटी बेस किया जाए'
डीएम ने कहा भविष्य के दीर्घकालीन प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान, एक प्रस्ताव जमरानी बांध परियोजना से प्रस्तावित है. पूरे वॉटर सप्लाई को ग्रेविटी बेस किया जाए. साथ ही शीशमहल फिल्टर प्लांट जो वर्तमान में 35 एमएलडी पानी सप्लाई शहर को हो रही है, इसकी क्षमता को बढाने के सुझाव पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि इसी के स्तर का एक फिल्टर प्लांट जिसकी क्षमता दोगुनी हो, नए स्थान पर डिजाइन के सुझाव आए हैं. इसके लिए उन्होंने नगर आयुक्त और सिटी मजिस्टेट को भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं.
डाटा सुरक्षित रखने के भी दिए गए निर्देश
इसके अलावा विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने प्रस्तावित समाधानों के लिए डीपीआर बनाने के निर्देश जल संस्थान के अधिकारियों को दिए. जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान वाटर के सैंपल और टीडीएस भी चेक किए. उन्होंने अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि नियमित रूप से पानी की सैम्पलिंग करने के साथ ही इसका डाटा भी सुरक्षित रखे जाएं.
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