Uttarakhand News: उत्तराखंड में वन भूमि अतिक्रमण पर हाईकोर्ट और सीएम धामी सख्त, आदेश के बाद भी प्रशासन सुस्त
Uttarakhand Encroachment: उत्तराखंड में वन भूमि अतिक्रमण हटाए जाने के लिए हाईकोर्ट और CM पुष्कर सिंह धामी ने सख्त आदेश दिए हैं. वहीं प्रशासन के सुस्त रवैये के कारण अतिक्रमण पर नकेल नहीं कसी जा रही है.
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Uttarakhand Forest Land Encroachment: उत्तराखंड की वन भूमि में कुल अतिक्रमण का 90 फीसदी उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले के साथ चमोली जिले में हुआ है, जबकि इन्हीं जिलों में अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई सबसे सुस्त दिखाई दी है. प्रदेश में अतिक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काफी आक्रामक दिखाई दिए थे, उनका कहना था कि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे में इन तीन जिलों में अतिक्रमण को लेकर के कार्रवाई काफी सुस्त दिखाई दे रही है.
अगर उत्तराखंड के वन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो नैनीताल में तराई पश्चिमी डिवीजन में 2.629 हेक्टर वन भूमि पर अभी तक अतिक्रमण कायम है, लेकिन इसमें केवल 214 हेक्टेयर वन विभाग अतिक्रमण हटा पाया है. वहीं उधम सिंह नगर जिले की बात करें तो तराई पूर्वी वन प्रभाग में 5,983 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण कायम है, जिसे हटा पाना वन विभाग के बस की बात नहीं दिखाई दे रही है.
चमोली में 1184 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा
इस क्षेत्र में वन विभाग मात्र 210 हेक्टेयर जमीन खाली करवा पाया है. इसी तरह चमोली के बद्रीनाथ वन प्रभाग में 1184 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा है, जिसमें 182 हेक्टेयर से ही वन विभाग कब्जा हटा पाया है. यानी प्रदेश में कुल 12000 हेक्टेयर में से करीब साढे 9 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर इन तीन जिलों में अवैध कब्जा है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सो रहा प्रशासन
सड़क और नदियों के किनारे से अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में कुछ दिनों पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने वन विभाग को सख्त निर्देश दिए थे. इसके लिए सभी डीएम और डीएफओ को अपने क्षेत्र में हाईवे सहित सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के शक्ति से आदेश भी दिए गए थे लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी इन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग पाई और ये अधिकारी धृतराष्ट्र बने बैठे हैं.
जल्द से जल्द हटेगा अतिक्रमण
उधम सिंह नगर चमोली और नैनीताल में सबसे ज्यादा वन भूमि पर अतिक्रमण है. जिसे हटाने के कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं, अब कार्रवाई तेज करने को कहा गया है. डॉक्टर पराग मधुकर धकाते वन भूमि अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी है. उनका कहना है कि इस विषय में लगातार सभी डीएफओ से बात की जा रही है और प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द वन भूमि से अतिक्रमण हटा दिया जाए.
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