Uttarakhand News: हाईकोर्ट ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन को फटकार लगाई है. याचिकाकर्ता इकरा परवीन, शिल्पेंद्र, पूरन सिंह, मोहन चंद्र ने हाईकोर्ट का रुख किया था. उनका कहना था जिप्सी पंजीकरण 2023-24 में घालमेल हुआ है. राजनीतिक दबाव की वजह से योग्य आवेदकों को हिस्सा लेने का मौका नहीं दिया जा रहा है. हालांकि जिप्सी पंजीकरण की प्रक्रिया के लिए परमिट और वैध दस्तावेज मौजूद हैं. हाईकोर्ट ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क निदेशक को तलब कर लिया. उन्होंने हलफनामा दायर कर गलती को स्वीकार किया है.
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन को फटकार
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सभी योग्य आवेदकों को मौका देने के आदेश दिए. हाईकोर्ट ने कहा कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जिप्सी पंजीकरण का विज्ञापन निकाला जाए. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन विज्ञापन दो प्रमुख अखबारों में निकाले. याचिककर्ता के वकील दुष्यन्त मैनाली ने अदालत को बताया कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जिप्सी पंजीकरण का मौका पहले से पंजीकृत आवेदकों को दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि वैध परमिट धारक जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कारोबार करने से वंचित हैं.
जिप्सी पंजीकरण की प्रक्रिया हो पारदर्शी- HC
अधिवक्ता ने कहा कि रसूखदारों के प्रभाव में योग्य आवेदकों को समान अवसर नहीं मिल रहा है. उन्होंने हाईकोर्ट के पहले आदेश का भी हवाला दिया. पहले आदेश में साफ हिदायत थी कि जिप्सी पंजीकरण का विज्ञापन दो अखबारों में छपवाया जाएगा. याचिका में कहा गया कि न तो कोई विज्ञापन छपवाया गया और न ही वेबसाइट पर विज्ञापन दिया गया. मात्र कुछ एजेंटों के व्हाट्सएप पर पंजीकरण का गूगल फॉर्म जारी किया गया. उसमें भी शर्त थी कि आवेदक पूर्व से पंजीकृत होना चाहिए. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जिप्सी पंजीकरण की प्रक्रिया में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन को पारदर्शिता बरतने का आदेश दिया.