Uttarakhand News: उत्तराखंड में अतिक्रमण मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना अतिक्रमण मानने या तोड़फोड़ करने को उचित नहीं माना. अतिक्रमण के दायरे में आ रहे लीजधारकों और रामनगर स्थित रानीखेत रोड में दुकानदारों की हस्तक्षेप याचिकाओं की हाईकोर्ट सुनवाई कर रही थी. हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़ित पक्ष को सुनवाई का पूरा अवसर मिलना चाहिए. वन अधिनियम, लीज नवीनीकरण और डीएफओ की अदालत और अपीलीय अदालत में मामले को सुने जाने का प्रावधान है. रानीखेत रोड के दुकानदारों की ओर से पेश अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी.
अतिक्रमण मामले की नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई
प्रकरण में रानीखेत रोड के प्रभावित दुकानदारों की ओर से हस्तक्षेप याचिकाएं लगाई गई हैं. उन्होंने बताया कि मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. नैनीताल हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हस्तक्षेप याचिकाओं की सुनवाई हो रही है. बता दें कि रामनगर में वन विभाग ने दुकानदारों को जल्द दुकान खाली करने का नोटिस थमाया था. वन विभाग की नोटिस के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने नैनीताल हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की गुहार लगाई.
फैसले से पीड़ित पक्ष को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद
हाईकोर्ट के आदेश से अतिक्रमण की कार्रवाई की जद में आए पीड़ित पक्ष को कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद है. बता दें कि रामनगर में वन विभाग ने दुकान नहीं खाली करने पर दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी. नैनीताल हाईकोर्ट ने वन विभाग को सही प्रक्रिया का पालन करने का आदेश दिया. आदेश के मुताबिक निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना कार्रवाई नहीं की जा सकती. लीज धारकों को हाईकोर्ट ने भी बड़ी राहत दी है. लीज धारकों लीन रिनुअल कराने का समय मिल गया है.