Nainital News: उत्तराखंड (Uttarakhand) का नैनीताल (Nainital) यूं तो पर्यटकों के लिये स्वर्ग है, लेकिन यहां कि मोमबत्ती भी विश्व भर में उतनी ही मशहूर है जितनी खूबसूरती. दीपावली के मौके पर इन मोमबत्तियों की मांग बढ़ जाती है. नैनीताल में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को तरह-तरह की मोमबत्ती अपनी ओर आकर्षित करती है. लंबी बरसातों के बाद नैनीताल में इनदिनों मौसम सुहावना बना हुआ है. अनुकूल मौसम के कारण यहां मोमबत्ती उधोग की शुरूआत हुई और धीरे धीरे यह बढ़ता चला गया.


इन मोमबत्तियों की है खासा मांग
मोमबत्ती को बनाने के लिए रॉ मोम को गलाकर किसी फर्मे या ढांचे में मोल्ड किया जाता है. मोम जमने के बाद फर्मे की आकृति ले लेता है. मोम को इसी तरह जमाकर कई प्रकार की मोमबत्ती बनाई जा रही है. इनमें से भगवानों की आकृति की मोमबत्ती छोड़कर सभी मोमबत्ती में जलाने के लिए धागा या बत्ती लगी होता है. कैंडल बाजार में नई नई डिजाइन वाली सौ से अधिक प्रकार की मोमबत्ती बिक रही हैं. इस बार चाइनीस मोमबत्ती की डिमांड कम होने से नैनीताल की मोमबत्ती ज्यादा बिक रही हैं. 


तीन महीने पहले से ही तैयारी में जुटे
नैनीताल में इस मोमबत्ती उद्योग से जुड़े लोग लगभग तीन महीने से दीपावली की तैयारी में जुट जाते हैं. कई परिवारों का जीवन यापन इस उद्योग के सहारे चल रहा है. पर्यटक भी नैनीताल की बनी इन मोमबत्तियों को खूब पसंद करते हैं. व्यापारियों का भी कहना है कि अब उन्होंने चीनी मोमबत्ती रखना बैन कर दिया है और पर्यटक हिंदुस्तान की बनी मोमबत्ती ही पसंद कर रहे है.


कैंडल उघमी पुष्पा मैहरा का कहना है कि इनमें खर्चा अब काफी हो गया, मोम इस साल 200 रुपए किलो हम लोगों को मिल रहा है, उसके बाद सामान बहुत महंगा हो रहा है, फिर भी हमने दिपावली की काफी तैयारी कर रखी है, हमने सभी आइटम्स बना रखे हैं, हमारे पास लगभग 50 वैरायटी हैं. लोग ऑनलाइन की भी डिमांड कर रहे हैं लेकिन हम लोग नहीं दे पाते हैं क्योंकि ये नाजुक चीज है इसकी फिनिशिंग खराब हो जाती है. बीच में बारिश के कारण काम बहुत कम हो गया था, इस टाइम थोड़ा ठीक चल रहा है.


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