Nainital News: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. कॉर्बेट नेशनल पार्क में 2020 में एक पर्यटन जोन शुरू किया गया था, जिसका नाम तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गर्जिया पर्यटन सुन रखा था. जिसका उद्घाटन उस समय के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने किया था. इस पर्यटन जोन में पहली बार महिला नेचर गाइडों को नियुक्ति दी गई थी और उनके द्वारा पर्यटकों को पार्क में भ्रमण कराया जाता था.


कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटन को किया गया बंद
लगभग 57 महिला-पुरुष नेचर गाइड इस पर्यटन जोन में कार्यरत थे. वहीं सुबह और शाम की पाली में 60 जिप्सी इस पर्यटन जोन में भ्रमण पर जाती थी लेकिन अब इस पर्यटन को बंद कर दिया गया है. अधिकारियों की माने तो इस पर्यटन की अनुमति नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी यानी एनटीसीए से नहीं है जिसके चलते इसे फिलहाल बंद कर दिया गया है. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि जब एनटीसीए की परमिशन थी ही नहीं तो कैसे उस समय के वन मंत्री के द्वारा इसका उद्घाटन कर दिया गया और उस समय के मुख्यमंत्री ने बिना सोचे समझे इसका नामकरण कर दिया.


आम लोगो का बंद हुआ रोजगार
इसमें कई लोगों को रोजगार भी दे दिया गया. लगभग 2 साल संचालित होने के बाद इस गेट को बंद करना एक हैरत वाली बात है. कॉर्बेट नेशनल पार्क की टीसीपी पर यह स्पष्ट लिखा है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क के बफर जोन में पर्यटन गतिविधियां कराई जा सकती हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क में रोजगार के तमाम रास्ते बंद करने में अधिकारी लगे हुए हैं जिससे स्थानीय लोग बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं इस विषय पर जल्द ही एक बड़ा आंदोलन होने की संभावना है जिसका खामियाजा कॉर्बेट पार्क प्रशासन को भुगतना पड़ सकता है.


वहीं कॉर्बेट पार्क के डिप्टी डायरेक्टर नीरज शर्मा का कहना है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गर्जा पर्यटन जोन नवंबर 2020 से प्रारंभ किया गया था, जिसमें कि मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक उत्तराखंड के स्तर से अनुमोदन प्राप्त है, और उसका एनटीसीए का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के द्वारा पत्र भेजा गया है.


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