Uttarakhand News: पर्यटन नगरी नैनीताल में घंटों ट्रॉली सवार यात्रियों की सांस अटकी रही. तकनीकी खराबी के कारण 80 फीट की ऊंचाई पर अचानक रोपवे ट्रॉली रुक गई. ट्रॉली सवार पर्यटकों की जान घंटों हवा में अटक रही. रोपवे ट्रॉली में विदेशी पर्यटक समेत स्कूली बच्चे सवार थे. 80 फीट की ऊंचाई पर अटके विदेशी सैलानियों और स्कूली बच्चों में चीख पुकार मच गई. रोपवे प्रबंधन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया. टीम ने एक एक कर सभी सवारियों को रस्सियों के सहारे रेस्क्यू कर नीचे उतारा.


80 फीट की ऊंचाई पर हवा में अटकी रहीं 13 जिंदगियां


जमीन पर सुरक्षित उतरने के बाद बच्चों और विदेशी सैलानियों ने राहत की सांस ली. ट्रॉली में छह विदेशी पर्यटक, छह स्कूली बच्चे और एक ऑपरेटर सवार थे. आपको बता दें कि नैनीताल की शान माने जाने वाली रोपवे की ट्रॉली का संचालन कुमाऊ मंडल विकास निगम करता है. रोपवे ट्रॉली का उद्घाटन 1985 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के शासनकाल में हुआ था. रोपवे ट्रॉली इलैक्ट्रिक वायर केबिल सिस्टम से चलती है. भारत सरकार की त्रिवेणी स्ट्रक्चरल लिमिटेड कंपनी ने ऑस्ट्रिया की वोइस्ट अल्पाइन के साथ रोपवे ट्रॉली बनाया था.


रस्सियों की मदद से फंसे लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन


रोपवे ट्रॉली दो किस्म की तारों के साथ बैरिंग और पुली सिस्टम पर आधारित है. टीम मैनेजर शिवम शर्मा ने बताया कि कर्मचारियों ने किसी उपकरण टूटने की आवाज सुनी थी. लिहाजा रोपवे ट्रॉली को बीच रास्ते रोकने का फैसला लिया गया. तकनीकी खराबी आने के कारण रोपवे ट्रॉली 80 फीट की ऊंचाई पर हवा में आधे घंटे तक रुकी रही. टूटी हुई बैरिंग बदलने के बाद उन्होंने दोबारा ट्रॉली को पर्यटकों की सेवा में लगाने की बात कही. रोपवे ट्रॉली के अचानक हवा में लटकने की पहली घटना नहीं है. फरवरी 2019 में भी घंटे भर तक ट्राॅली सवार दस यात्रियों को हवा में झूलना पड़ा था. गनीमत रही कि रस्सियों के सहारे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. 


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