Uttarakhand News: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने विधानसभा सचिवालय (Uttarakhand Vidhansabha Secretariat) में वर्ष 2000 से हुई अवैध नियुक्तियों और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका (Public interest litigation) पर सुनवाई करते हुए विधानसभा सचिवालय और सरकार (Uttarakhand Government) को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने एक मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई एक मई को होनी तय हुई है.
 
मामले के अनुसार देहरादून (Dehradun) निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि विधानसभा सचिवालय में सन 2000 से अब तक बैकडोर नियुक्तियां करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार और अनियमितता भी की गई है. इसपर सरकार ने एक जांच समिति बनाकर 2016 से अब तक की भर्तियों को निरस्त कर दिया, लेकिन यह बैकडोर भर्ती घोटाला सन 2000 से अब तक चल रहा है. सन 2000 से 2015 तक हुई नियुक्तियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसकी सरकार ने अनदेखी की. अपने करीबियों को बैकडोर से नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री चुप हैं.


नियमावली का उल्लंघन-याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि सरकार ने 2003 के शासनादेश जिसमें तदर्थ नियुक्ति पर रोक, संविधान के अनुच्छेद 14, 16 व 187 का उल्लंघन, जिसमें हर नागरिक को सरकारी नौकरियों में समान अधिकार व नियमानुसार भर्ती का प्रावधान है, उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 और उत्तराखंड विधानसभा की 2011 नियमावली का उल्लंघन किया है .


हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच की मांग
मांग की गई कि राज्य बनने के बाद वर्ष 2000 से 2022 तक सभी नियुक्तियों की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में की जाए और भ्रष्टाचारियों से सरकारी धन के लूट को वसूला जाए. सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य करते हुए अपने करीबियों की बैकडोर भर्ती की है. प्रदेश के लाखों बेरोजगार और शिक्षित युवाओं के साथ धोखा किया गया है. यह सरकारों द्वारा जघन्य किस्म का भ्रष्टाचार है और वर्तमान सरकार भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने विधानसभा सचिवालय और सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.


UP By-Election 2022: नवंबर में यूपी की इन 10 तस्वीरों ने पैदा की बड़ी राजनीतिक हलचल, दूसरी ने यादव परिवार को असमंजस में डाला