Elephant Killed Woman: उत्तराखंड (Uttarakhand) के नैनीताल जिले के रामनगर (Ramnagar) में एक महिला को हाथी ने कुचल कर मार डाला. महिला जंगल में लकड़ी लेने गई थी, जिस वक्त यह हादसा हुआ. उसके साथ अन्य महिलाएं भी मौजूद थी, तभी अचानक हाथियों का एक झुंड इनके सामने आ गया, उनमें से एक हाथी ने महिला को अपनी सूंड में पकड़कर नीचे पटका और उसे अपने पैरों से कुचल दिया. राज्य में ज्यादातर महिलाएं जंगल में घर के लिए लकड़ी लेने जाती हैं. रामनगर के आसपास के जंगलों पर यह निर्भर करती हैं. महिलाओं का मवेशियों को चराने या फिर घर के लिए लकड़ी लेने जंगल जाना आम बात है.


उत्तराखंड में जानवरों की बढ़ती संख्या भी एक बड़ी समस्या बन चुकी है और आए दिन इस प्रकार की घटना देखने को मिलती है. इसमें मानव-वन्यजीव संघर्ष सामने आता है. इससे पहले भी हाथी और बाघ की ओर से कई लोगों को शिकार बनाया जा चुका है. रामनगर फॉरेस्ट डिविजन के तहत पड़ने वाले टेढ़ा गांव में महिला जंगल में घर के लिए लकड़ी लेने गई थी, तभी अचानक हाथियों का एक झुंड वहां आ गया ,उनमें से एक हाथी ने महिला को अपनी सूंड में लपेट कर नीचे पटक दिया और उसे कुचल कर मार डाला.


अनीता देवी के रूप में हुई मृतका की पहचान


महिला के साथ लकड़ी लेने गई अन्य महिलाओं ने जब शोर मचाया तो हाथी उसे छोड़कर जंगल की ओर चला गया. इसके बाद महिला को उठाकर रामनगर के सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. मृत महिला की पहचान अनीता देवी उम्र 43 साल के रूप में हुई है. कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर फर्स्ट डिवीजन में हाथियों की संख्या काफी भारी मात्रा में है. हाथी आजकल जंगलों से निकलकर इंसानी बस्ती की तरफ आने लगे हैं.


'जंगलों से दूरी बनाकर रहें'


मानसून सीजन में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि वन विभाग भी लगातार लोगों को समझाता है कि जंगलों से दूरी बनाकर रहें, जंगल में जाते समय झुंड में जाए लेकिन लोग वन विभाग की ओर से जारी की गई एडवाइजरी का पालन नहीं करते हैं. इसके चलते बड़े हादसे हो जाते हैं. ऐसे मामलों में वन विभाग की तरफ से तीन से पांच लाख तक का मुआवजा दिया जाता है लेकिन क्या कोई भी मुआवजा किसी इंसान की जिंदगी से ज्यादा है.


विभाग के पास मुआवजा राशि देने का फंड नहीं


वन विभाग का कहना है कि उन्होंने जंगलों के आसपास के प्रकार के साइन बोर्ड लगा रखे हैं, जिसमें लोगों को यह सूचित किया जाता है कि जंगलों से दूरी बनाकर रखें लेकिन लोग शायद इसको मजाक समझते हैं, तभी इस प्रकार के बड़े हादसे हो जाते हैं. रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन के डीएफओ डी विनायक) ने बताया कि अभी हमारे पास फंड नहीं है, जिससे हम महिला के परिवार को तुरंत कोई मुआवजा दे सकें. हमने इस बारे में अपने सीनियर अधिकारियों को बता दिया है और एक चिट्ठी भी लिख दी है. जल्द से जल्द फंड रिलीज किया जाए ताकि महिला के परिवार को मुआवजा दिया जा सके.


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