(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand: यूक्रेन से Nainital पहुंची छात्रा ने बयां किए हालात, बताया- कैसे आस-पास हो रही बमबारी से बचाई जान
Nainital: यूक्रेन से नैनीताल लौटी मेडिकल की एक छात्रा ने वहां के हालात के बारे में बताया है. छात्रा ने बताया कि कैसे वह बमबारी के बीच बचकर निकली. वहां खाने-पीने की चीजें खत्म हो गई थी.
Student Story Returned From Ukraine: यूक्रेन (Ukraine) में रूसी बमबारी से बचकर नैनीताल (Nainital) पहुंची आयुषी की आपबीती सुनकर कोई भी सिहर उठेंगा. यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए काफी असमंजस की स्थिति है. आयुषी ने आरोप लगाया कि यूक्रेन में भारत सरकार और एम्बेसी किसी भी तरह की मदद नहीं कर रही है. यूक्रेन के खारकीव शहर में खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहीं थी. आयुषी अब नैनीताल पहुंच चुकी हैं.
पोलैंड दूतावास की मदद से भारत पहुंची आयुषी
नैनीताल के बिरला स्कूल में केमेस्ट्री की शिक्षिका मंजू जोशी और कुर्मांचल बैंक में कार्यरत विवेक जोशी की बेटी आयुषी मुश्किल हालातों का सामना करने के बाद बमुश्किल पोलैंड स्थित भारतीय दूतावास की मदद से हिंदुस्तान के प्लेन में सफर कर 250 लोगों के साथ दिल्ली पहुंच सकीं. जिन्हें दिल्ली से उनके पिता और मामा रिसीव कर नैनीताल ले पहुंचे. मीडिया से बात करते हुए आयुषी ने आपबीती सुनाई, जिसे सुनकर कोई भी झकझोर उठेगा.
कभी बंकर तो कभी मेट्रो के छुपकर बचाई जान
आयुषी ने बताया कि यूक्रेन के खारकीव में हालात बद से बदतर हैं. उन्होंने कई रात बिना सोए बिताई हैं. उनके आस-पास ही कई जगहों पर बमबारी हो रही थी. आयुषी और उनकी दोस्त ने कभी मेट्रो स्टेशन, तो कभी बंकर में छुपकर अपनी जान बचाई. उनकी राशन की भी सभी सामग्री खत्म हो चुकी थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी दोस्त के साथ खारकीव से पैदल चलने का मन बनाया और अपने डेस्टिनेशन की तरफ निकल पड़ीं.
आयुषी का नैनीताल में हुआ स्वागत
आयुषी बताती हैं कि उन्होंने खारकीव से अपना पैदल सफर शुरू किया और स्टेशन पहुंचने के बाद ट्रेन से पोलैंड पहुंचीं, जिसके बाद पोलैंड सरकार और भारतीय दूतावास ने उनकी मदद कर उन्हें प्लेन में बैठाया गया. वहीं आयुषी के नैनीताल घर पहुंचने पर बिरला स्कूल के स्टाफ ने उनके आने की खुशी में होली गायन का कार्यक्रम किया गया था. सभी लोगों ने आयुषी से मुलाकात की.