नई दिल्ली, आईएएनएस। कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साउथ एशियन असोसिएशन फॉर रिजनल को-ऑपरेशन (SAARC) के सदस्य राष्ट्रों से सतर्क रहने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कोरोना से प्रभावितों की संख्या 150 से ज्यादा नहीं है लेकिन सतर्कता जरूरी है। प्रधानमंत्री ने सार्क देशों को यह सुझाव एक वीडियो कांफ्रेंस के जरिए दिया। उन्होंने कहा, "जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस (कोविड-19) को हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) डब्ल्यूएचओ ने महामारी में वर्गीकृत किया है। अब तक हमारे क्षेत्र में 150 से कम मामले सूचीबद्ध किए गए हैं लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है।"
वीडियो कांफ्रेंसिंग की शुरुआत करते हुए मोदी ने इस वायरस के प्रसार से निपटने के लिए भारत के अनुभव को साझा किया और कहा कि तैयारी करें, लेकिन घबराएं नहीं, यह हमारा मार्गदर्शक मंत्र है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने जनवरी के मध्य से ही भारत में प्रवेश पर स्क्रीनिंग शुरू की और धीरे-धारे यात्रा पर प्रतिबंध भी बढ़ाया।
मोदी ने कहा, "कदम-दर-कदम दृष्टिकोण से अफरा-तफरी को रोकने में मदद मिली। हमने विदेशों में अपने लोगों की मदद की अपील का भी जवाब दिया। हमने विभिन्न देशों से लगभग 1,400 भारतीयों को निकाला। हमने इसी तरह से अपने पड़ोसी देशों के नागरिकों की भी मदद की। हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए और साथ सफलता हासिल करनी चाहिए। हम एक अनजान स्थिति में हैं।"
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने वीडियो कांफ्रेंस में भाग लिया। पाकिस्तान की ओर से इसके स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. जफर मिर्जा ने वीडियो कांफ्रेंस में भाग लिया।