Naresh Tikait Controversial Statement: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में 5 सितंबर को राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में होने जा रही संयुक्त किसान मोर्चे की महापंचायत (Mahapanchayat) को लेकर भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रिय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत (Naresh Tikait) पिछले एक महीने से लगातार प्रदेश के गांव-गांव में पंचायत (Panchayat) कर किसानों (Farmers) को महापंचायत में जुटने का निमत्रण दे रहे हैं.
खाप चौधरियों को मनाने की कोशिश
चौधरी नरेश टिकैत पंचायत को सफल बनाने में यूनियन के साथ-साथ खाप चौधरियों को मनाने में भी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं. आज गठवाला खाप (Gathwala Khap) के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक को मनाने के लिए नरेश टिकैत ने बुढ़ाना के कुरावा गांव में किसानों (Farmers) के साथ पंचायत की. लेकिन, बाबा राजेंद्र सिंह मलिक ने पंचायत में नरेश टिकैत से किनारा करते हुए बुढ़ाना मामले को सुलझाने की बात कही.
मतभेद हो सकते हैं, मनभेद नहीं
खास बात ये रही की कई वर्षों के बाद गठवाला खाप के चौधरी और बालियान खाप के चौधरी एक मंच पर साथ साथ दिखाई दिए. बाबा राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि गठवाला खाप हमेशा किसानों के साथ रही है. जब-जब किसानों पर कोई भी आपत्ति रही तो गठवाला खाप कभी किसानों से पीछे नहीं रही. हमारे अंदर मतभेद हो सकते हैं, मनभेद नहीं. कल शामली के कुड़ाना गांव में पंचायत है उसमें महापंचायत को समर्थन देने का निर्णय लिया जाएगा. 36 बिरादरी के ऊपर जब-जब आफत पड़ी हम साथ रहे हैं.
किसानों के गांव क्यों जा रहे हैं भाजपा के लोग
वहीं, गठवाला खाप को मनाने पहुंचे चौधरी नरेश टिकैत ने एक बार फिर विवादित बयान देते हुए कहा कि जब आंदोलन के चलते बीजेपी विधायकों का विरोध हो रहा है तो वो किसानों के गांव क्यों जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी खुशी की बात है कि चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक और हम सब एक मंच पर आ गए हैं. जब तक बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है तब तक भाजपा जन प्रतिनिधि थोड़ा परहेज रखें.
सरकार बना सकते हैं तो गिरा भी सकते हैं
नरेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी वाले इस तरह का कदम ना उठाएं. विरोध हो रहा हो, काले झंडे दिखाए गए हैं तो वो अपना प्रोग्राम कैंसिल कर दें. कोई उन्हें बुला भी नहीं रहा है. आंदोलन को आज 9 महीने तीन दिन हो गए हैं इस बीच अगर कोई विधायक गांव में जाएगा तो विरोध तो होगा. ऐसे कमजोर नहीं हैं, अगर कोई व्यवधान पैदा करेगा तो उसे पीट भी देंगे. पंचायत में हमारे अतिथि आ रहे हैं अगर कोई उसमें व्यवधान करेगा तो उसे ठीक कर देंगे. हम धरना खत्म कर देंगे लेकिन कोई हमें आश्वासन तो दे. अगर हम सरकार बना सकते हैं तो सरकार गिरा भी सकते हैं.
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