National Commission for Protection of Child Rights: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को अनाथ बच्चों से जुड़ा एक आंकड़ा बताया है. NCPCR यानि बाल आयोग द्वारा दिया गया ये आंकड़ा एक अप्रैल 2020 के बाद का है. जिसमें इस अवधी के दौरान कोरोना और अन्य वजहों से अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया है. बाल आयोग ने बता है कि इस दौरान एक लाख 47 हजार 492 बच्चे अनाथ हुए हैं. जिसमें से केवल यूपी में 9,247 बच्चे अनाथ हुए हैं.


पोर्टल से ली गई जानकारी 
सुप्रीम कोर्ट में कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को लेकर बाल आयोग द्वारा खुद संज्ञान के मामले में ये डेटा पेश किया है. एडवोकेट स्वरूपमा चतुर्वेदी के जरिए ये हलफनामा दाखिल किया गया है. जिसमें 11 जनवरी तक का डाटा दिया गया है. ये डाटा 'बाल स्वराज पोर्टल- कोविड केयर' पर 11 जनवरी तक अपडेट किया गया. जिसमें बताया गया है कि देश में एक अप्रैल 2020 से 11 जनवरी 2022 के बीच एक लाख 47 हजार 492 बच्चे अनाथ हुए हैं. जिसमें एक लाख 36 हजार 690 बच्चों के माता पिता दोनों में से किसी एक की मौत हुई है. जबकि दस हजार 94 ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है. 


महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा
हलफनामे में बताया गया है कि अनाथ बच्चों में से 1,529 बच्चे बाल गृहों में, 19 खुले शेलडर होम में, दो मॉनिटरिंग सेंटर में, 188 अनाथालयों में, 66 विशेष गोद लेने वाली एजेंसियों में 39 छात्रावासों में है. इस अवधी के दौरान अनाथ हुए बच्चों में यूपी के 9,247 बच्चे हैं. हालांकि सबसे ज्यादा बच्चे ओडिशा से 24,405 अनाथ हुए हैं. ओडिसा के बाद महाराष्ट्र में 19,623 और गुजरात में 14,770 सबसे ज्यादा अनाथ हुए हैं. वहीं इस दौरान आठ से 13 साल के 59,010 बच्चे अनाथ हुए हैं. इन अनाथ हुए बच्चों में 76,508 लड़के और 70 हजार 980 लड़कियां हैं.


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