Anuj Pratap Singh: सुल्तानपुर के चर्चित डकैती कांड में उन्नाव जिले में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अनुज प्रताप सिंह की मौत का मामला मानवाधिकार आयोग की दहलीज तक पहुंच गया है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट गजेंद्र सिंह यादव ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है. 


आयोग में दर्ज कराई गई शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस तरह के एनकाउंटर सीधे तौर पर मानवाधिकारों का हनन है. इसलिए ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जाना बेहद जरूरी हो गया है. गजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर राज्य मानवाधिकार आयोग इसी डकैती कांड में एनकाउंटर में मारे गए मंगेश यादव की मौत के मामले की जांच करा रहा है.


एनकाउंटर पर जताया संदेह
शिकायत में कहा गया है कि, अनुज प्रताप सिंह का एनकाउंटर संदेह के घेरे में है. मुठभेड़ की परिस्थितियां, सुबह का समय, एक आरोपी का भाग जाना और पुलिस टीम द्वारा ललकारे जाने पर गोली चलाने और भागने की कोशिश करने की कहानी पहले के तमाम एनकाउंटर की तरह ही है. पुलिस ने यहां भी वही कहानी बनाई है जो आमतौर पर हर एनकाउंटर में दोहराई जाती है. शिकायत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से कहा गया है कि मंगेश यादव की तरह इस मामले में भी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की जरूरत है. मानवाधिकारों का हनन रोकने के लिए ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाए जाने की भी मांग की गई है. 


गौरतलब है कि, सुल्तानपुर के चर्चित ज्वेलर्स डकैती कांड में यूपी पुलिस की स्पेशल टीम में आज सुबह उन्नाव में अनुज प्रताप सिंह नाम के एक आरोपी को मुठभेड़ में मार गिराया है. अमेठी जिले के रहने वाले अनुज प्रताप सिंह पर एक लाख रुपए का इनाम था. इस एनकाउंटर पर जमकर सियासत भी हो रही है. तमाम लोग इसे जाति के चश्मे से देख रहे हैं तो वहीं ज्यादातर लोगों का कहना है कि अपराधियों की कोई जाति नहीं होती और जाति के आधार पर अपराधियों का समर्थन व बचाव नहीं करना चाहिए. 


सुल्तानपुर डीएम से रिपोर्ट तलब
गजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर ही राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में सुल्तानपुर के डीएम से रिपोर्ट तलब की है. इसके बाद इसी मामले के एक अन्य आरोपी अजय यादव से पुलिस की 20 सितंबर को मुठभेड़ हुई थी. एनकाउंटर में अजय यादव को गोली लगी थी. अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. डकैती कांड में मुख्य आरोपी पहले ही पुलिस में सरेंडर कर चुका है, जबकि कुछ आरोपी अभी फरार हैं. सोशल एक्टिविस्ट और अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने पुलिस एनकाउंटर और कस्टोडियल डेथ टॉपिक पर पीएचडी किया हुआ है.


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