National Law University News: उत्तराखंड में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनाने का सपना देखा गया था. जोकि अभी तक पूरा नहीं हो पाया. उत्तराखंड राज्य को बने 23 साल से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन इसे सराकार की अनदेखी कहें या अधिकारियों की लापरवाही, अब तक नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनने का सपना सिर्फ सपना ही रह गया है. हैरानी की बात तो ये है कि 23 साल बाद भी अधिकारी यूनिवर्सिटी के लिए जमीन नहीं तलाश पाए हैं.
अनसुलझी पहेली बनी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पर पिछले 23 सालों से असमंजस बना हुआ है. यह हाल तब है जबकि एक साथ बने राज्य छत्तीसगढ़ में वर्ष 2003 और झारखंड में 2010 में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बन चुकी है, लेकिन उत्तराखंड में इसके लिए भूमि की तलाशी अभी तक चल रही है. 23 साल गुजर जाने के बाद भी उत्तराखंड को अभी तक अपने ही राज्य में जमीन नहीं मिल पाई है. मार्च 2019 में देहरादून के रानी पोखरी में विभाग की 10 एकड़ जमीन पर इसका शिलान्यास किया गया था.
इसके बाद लोगों ने सोचा शायद अब यूनिवर्सिटी बनकर तैयार हो जाएगी, लेकिन हुआ कुछ नहीं. शुरुआती काम के लिए 50 लाख की धनराशि मंजूर की गई थी, लेकिन दुर्भाग्यवश काम शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाया. इसके बीच विभाग के अधिकारियों ने यह कहते हैं वहां पेंच फंसा दिया कि जहां पर यूनिवर्सिटी का स्थान चयन किया गया है. वहां पहुंच स्थान ठीक नहीं है. जिसकी वजह यूनिवर्सिटी फिर से बनने से रुक गई और अब तक दूसरी जगह जमीन खोजी नहीं गई है.
प्रैक्टिस के लिए कोर्ट होना जरूरी
अधिकारियों का कहना है कि जहां नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हो वहां पर एक कोर्ट होना जरूरी है क्योंकि छात्रों को प्रैक्टिस के लिए अच्छा रहेगा. आसपास ही कोई जमीन देखी जा रही है जिसमें इस लॉ यूनिवर्सिटी को बनाया जाएगा. बताया गया कि ये नैनीताल में बनेगी, उसके बाद बताया कि हरिद्वार में बनेगी, फिर अब देहरादून में बनाने की बात चल रही है, लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है और ये यूनिवर्सिटी अभी भी अधर में अटकी हुई है.