प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। सपा सांसद जया बच्चन द्वारा इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल्स की सुरक्षा का मुद्दा उठाए जाने के बाद यहां की हकीकत परखने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम बुधवार को प्रयागराज पहुंची। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डा. राजुल बिंद देसाई की अगुवाई में एक टीम ने बुधवार को यूनिवर्सिटी कैम्पस में सभी छह महिला हॉस्टल्स का निरीक्षण किया और तमाम छात्राओं के बयान दर्ज किये।
महिला आयोग की टीम ने जया बच्चन द्वारा उठाए गए सभी सवालों और छात्राओं द्वारा की गई सभी शिकायतों को सही पाया। महिला आयोग की टीम ने कहा कि हॉस्टल में छात्राएं कतई सुरक्षित नहीं हैं। वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। छह हॉस्टल्स के कैम्पस में एक भी महिला गार्ड नहीं है। इसके साथ ही मेस और पानी के उचित इंतजाम नहीं हैं। न तो कोई डिस्पेंसरी है और न ही काउंसलर। इसकी वजह से तमाम लड़कियों में हीमोग्लोबिन की कमी है। हॉस्टल्स में सीसीटीवी कैमरे कम हैं और जो हैं वो भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। सफाई और शौचालय की भी उचित व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा रात तक बाहरी पुरुषों की आवाजाही भी वहां रहती है। इससे छात्राएं भयभीत रहती हैं।
यूनिवर्सिटी में छात्राओं की समस्याएं सुनकर उसे दूर करने के लिए इंटरनल कमेटी भी हाल ही में गठित की गई है। यहां वाइस चांसलर से लेकर कई टीचर्स पर महिलाओं द्वारा आरोप लगाए गए हैं। महिला आयोग की टीम ने इन खामियों पर सख्त नाराजगी जताई और यूनिवर्सिटी को एक महीने के अंदर सभी सुविधाएं दुरुस्त करने की सख्त हिदायत दी।
आयोग की सदस्य डा. राजुल बिंद देसाई ने यूनिवर्सिटी को सात या फिर नौ सदस्यीय टीम गठित करने को भी कहा है। ये टीम हर महीने यूनिवर्सिटी कैम्पस और महिला हॉस्टल्स का निरीक्षण और छात्राओं के बयान दर्ज कर आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजेगी। टीम में राज्य महिला आयोग की दो सदस्य और राष्ट्रीय महिला आयोग की लीगल एडवाइजर प्रियंका मिड्ढा को भी रखे जाने के आदेश दिए। आयोग की टीम ने वाइस चांसलर प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के नहीं मिलने, उनके वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी बात नहीं करने और यूनिवर्सिटी के पीआरओ व दूसरे जिम्मेदार लोगों के रवैये पर भी नाराजगी जताई।