Navaratri 2024: मां दुर्गा की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र गुरुवार से शुरू हो गया है. संगम नगरी प्रयागराज में भी देवी आराधना के पर्व की धूम मची हुई है. यहां शक्तिपीठ अलोप शंकरी से लेकर दूसरे देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन करने व देवी मां का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच रहे हैं. 


प्रयागराज की शक्तिपीठ अलोप शंकरी में सुबह से ही बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंचे हैं. यहां श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ी हुई है कि तिल रखने तक की जगह नहीं बची है. स्कंद पुराण के मुताबिक भगवान शिव ने जब सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े किए थे तो दाहिने हाथ की छोटी उंगली यही गिरकर अलोप यानी अदृश्य हो गई थी. 


श्रद्धालु पालने की पूजा करते हैं पूजा
इसी वजह से इस शक्तिपीठ को अलोप शंकरी कहा जाता है. पुराण में वर्णित कथा के मुताबिक शिवप्रिया सती के दाहिने हाथ की उंगली जब यहां गिरी थी तो उस वक्त यहां एक कुंड यानी तालाब हुआ करता था. सती के दाहिने हाथ की छोटी उंगली यही गिरकर अलोप हुई थी. खास बात यह है इस शक्तिपीठ में देवी मां की कोई मूर्ति नहीं है और श्रद्धालु एक पालने की पूजा करते हैं. 


Govinda Health Update: एक्टर गोविंदा की पत्नी ने बताया कब मिलेगी अस्पताल से छुट्टी, जानें क्या कहा


देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु इसी पालने का दर्शन करते हैं और इसी में देवी मां के दिव्य स्वरूप को मानकर इसकी आराधना करते हैं. नवरात्र के पहले दिन आज गर्भ गृह में इस पालने के साथ ही पूरे मंदिर परिसर को खूबसूरती से सजाया गया है. यहां आने वाले श्रद्धालु अपने व परिवार की सुख समृद्धि के साथ ही देश की एकता व तरक्की के लिए भी कामना कर रहे हैं. इसके अलावा तमाम श्रद्धालु संगम की रेती पर कुछ महीने बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ के सकुशल संपन्न होने की भी प्रार्थना कर रहे हैं.