नई दिल्ली, पंडित शशिशेखर त्रिपाठी। नवरात्रि के इस पावन पर्व में हर कोई मां भगवती की उपासना में लीन है। नवरात्र के दिन सभी ऊर्जा से पूर्ण होते हैं। देवी के इन दिनों में शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं। यह समय स्वयं को शक्ति से जोड़ने का है, यानी शक्तिमय होना है। ऐसे में नवरात्रि के इन पावन दिनों का कैसे सदुपयोग करें, इस बारे में बताया पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने।
कुछ उपाय के बारे में जानते हैं, जिसको करने से मां भगवती की कृपा प्राप्त होगी। जीवन में कई प्रकार के तनाव, संकट और अशांति व्याप्त है, इन सबसे देवी कृपा से मुक्ति पाई जा सकती है।
उपाय-1
आपके घर में पारिवारिक क्लेश हैं तो नवरात्र की अष्टमी या नवमी को हवन करें। उसमें नीचे लिखे मंत्र को उच्चारित करते हुए 108 बार आहूति देनी चाहिए।
‘सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति’
ऐसा करने से घर में शांति और प्रसन्नता का संचार होता है। घर में प्रतिदिन कम से कम 21 बार जप करें। हो सके तो और परिजन भी जप कर सकते हैं। इससे परिवार का माहौल तेजी से बदलने लगेगा।
उपाय- 2
धनलाभ के लिए नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि को साफ स्थान पर उत्तर की दिशा में मुंह करके बैठें। अपने सामने लाल चावलों की एक ढेरी बनाकर उस पर श्रीयंत्र रखें। श्रीयंत्र के सामने तेल के नौ दीपक जलाकर उपासना करें। पूजा के बाद श्रीयंत्र को पूजा स्थल पर स्थापित कर दें। इससे आपकी आर्थिक तंगी धीरे-धीरे दूर होने लगेगी। आपको जल्द ही धनलाभ होगा। इस उपाय को करने से व्यक्ति की दरिद्रता का भी नाश हो जाता है।
उपाय-3
मनोकामना पूर्ति के लिए अष्टमी तिथि को शिव मंदिर में जाकर परिसर की सफाई करें और महादेव का श्रृंगार पूरे मन से करें। उसके बाद शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और दूध, दही, घी, शहद एवं इत्र चढ़ाकर उनका अभिषेक करें। भोलेबाबा का ध्यान करें । इसी दिन रात में मंदिर में या फिर घर में छोटा सा हवन करें। जिसमें 'ऊं नम: शिवाय' का जप करते हुए घी की 108 आहुति दें। इसके बाद 40 दिन तक 'ऊं नम: शिवाय' की रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से पांच माला का जप घर पर ही करें। ऐसे करने से आपकी मनोकामना पूरी होगी।
उपाय-4
लाख कोशिशों के बाद भी आपके विवाह के लिए लड़के या लड़की का चयन नहीं हो पा रहा, तो यह उपाय आपके विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर कर देगा। इस उपाय के संपन्न होने के कुछ दिन बाद ही आपका रिश्ता पक्का हो जाएगा। पंडित जी ने बताया कि अगर कन्या का विवाह नहीं हो रहा है, तो पीले रंग के वस्त्र दुर्गा जी को अर्पित करने चाहिए। साथ ही, पुस्तकों का दान करना चाहिए। मां भगवती को केसर भी अर्पित करना चाहिए।
वहीं, अगर लड़के का विवाह नहीं हो पा रहा है, तो मां दुर्गा के लिए चमकीले सिल्वर रंग के कपड़े, श्रंगार का सामान और परफ्यूम किसी मंदिर में अर्पित करना चाहिए। इस मंत्र का जाप भी करें।
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम् ।
मन की इच्छा के अनुसार चलने वाली मनोहर पत्नी प्रदान करो, जो दुर्गम संसार सागर से तारने वाली तथा उत्तम कुल में उत्पन्न हुई हो ।
उपाय- 5
यदि कोई रोग बहुत परेशान कर रहा है। लंबे समय से वह दूर नहीं हो रहा है, तो इस मंत्र का जाप करना चाहिए। कम से कम दिन में 27 बार तो अवश्य इसका जाप करें।
स्तु वद्भ्यो भक्तिपूर्वं त्वां चण्डिके व्याधिनाशिनि ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ।।
रोगों का नाश करने वाली चण्डिके! जो भक्ति पूर्वक आपकी स्तुति करते हैं, उन्हें रूप दो, जय दो, यश दो और उनके काम-क्रोध आदि शत्रुओं का नाश करो ।
यदि आपका जीवन परेशानियों और अस्थिरता से भरा हुआ है, तो नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का एक या अधिक बार पाठ करें। दुर्गा सप्तशती का नियमित रूप से पाठ करने से आपकी परेशानियां कम होंगी। यदि आप खुद पाठ नहीं कर सकते, तो किसी योग्य ब्राह्मण को दक्षिणा देकर पाठ कराया जा सकता है। ऐसे करने या करवाने से जीवन में खुशहाली आएगी। इसके बाद मां भगवती की लौंग और कपूर से आरती करें।
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