कानपुर से तकरीबन 50 किलोमीटर की दूरी पर नवाबगंज पक्षी अभयारण्य स्थित है. इस अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों की तकरीबन 250 प्रजातियां निवास करती हैं. हालांकि साल 1990 के बाद से यहां प्रवासी पक्षियों की संख्या घटी है. 


कानपुर-लखनऊ मार्ग पर स्थित होने के कारण यहां हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं. अभयारण्य के भीतर पर्यटक बोटिंग के भी मजें लेते हैं. यहां कई ऐसे पक्षी भी हैं जो सर्दियों के मौसम में तिब्बत,चीन, यूरोप और साइबेरिया से हिमायल की तरफ पलायन करते हैं. 


उत्तर प्रदेश के बहुमूल्य प्राकृतिक विरासतों में से एक नवाबगंज पक्षी विहार का उद्धाघटन साल 1975 में हेमवती नादान भुगन ने किया था. तब इका नाम प्रियदर्शनी पक्षी विहार रखा गया था. इसके बाद साल 1984 में इसका नाम बदल कर नवाबगंज बर्ड सेंचुरी और साल 2015 में  शहीद चंद्रशेखर आजाद पक्षी अभयारण्य रखा गया. 


यहां पक्षियों की चहचहाट, झरनों की गूंज पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है. अभयारण्य के अंदर बने रास्तों के दोनों तरफ  पक्षियों और वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां देखने को मिलती हैं 


हर साल यहां आते हैं साइबेरियाई पक्षी


2.2 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभयारण्य में  साइबेरियई पक्षी 5,000 किलोमीटर की दूरी तय करके यहां रहने आते हैं. वहीं कुछ प्रवासी पक्षी ग्रेलैग, गूज, पिंटेल, कॉटन, टील रेड- क्रेस्टेड पोचार्ड. गडवाल, फावड़ा, कूट, मल्लार्ड, कॉमन टेल, गार्गनी, नॉर्थन पिनफॉल, कॉमन पोचर्ड और रेड क्रिस्‍टेड पोचर्ड जैसे पक्षी 8,500 किलोमीटर की दूरी तय करके यहां आते हैं. 


कुछ स्थानीय प्रवासी पक्षियों में यहां सारस क्रेन, चित्रित क्रेन, मोर, सफेद आइबिस, चैती, सफेद गर्दन वाला सारस, ओपनबिल स्‍टोर्क,पेंटेड स्‍टोर्क,वोली नेक्‍ड् स्‍टोर्क,सारुस क्रेन, ब्‍लेक हेडेड लेबिस, इंडियन कोरमोरेंट, डारटर या स्‍नेक बर्ड, कॉमन किंश फिशर व्‍हॉइट ब्रेस्‍टेड किंशफिशर, ब्रोन्‍ज विंग्‍ड् जकाना और भारतीय रोलर आदि हैं.


अभयारण्य के पास एक हिरणों का छोटा सा स्थान है जहां चित्तीदार हिरण रहते हैं.  इसके अलवा यहां खाने-पीने की दुकानें और एक चिल्ड्रन पार्क स्थित है.


पाएं जाते हैं खतरनाक सरीसृप


नवाबंगज पक्षी अभयारण्य में पाए जाने वाले प्रमुख सरीसृपों में कोबरा, वाइपर, करैत, रैटस्नेक और वाटर हैं. वाइपर सामान्यतः अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, मेडागास्कर, न्यूजीलैंड समेत कई अन्य हिस्सों में पाया जाता है, इसके अलावा यहां जीनस बुंगारस प्रजाति के जहरीले सांपों का यह घर है.


 


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