लखनऊ. बदायूं गैंगरेप मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है. महिला के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या के मामले में महिला आयोग ने यूपी पुलिस से सवाल किया है. महिला आयोग ने पूछा कि एफआईआर दर्ज करने में इतनी देरी क्यों हुई. इसके अलावा महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश के डीआईजी को चिट्ठी भेजकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. पीड़ित परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की.


पीड़ित परिजनों को सहायता राशि का एलान
उधर, इस मामले के बाद पीड़ित परिजनों के लिए सहायता राशि का एलान किया गया है. जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने बताया पीड़िता के परिजनों को रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत 10 लाख की सहायता राशि दी जाएगी. इसके अलावा उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा.


क्या है मामला
गौरतलब है कि उघैती थाना इलाके के एक गांव में महिला का शव संदिग्थ हालत में मिला है. बताया जा रहा कि यहां एक मंदिर में महिला के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक महिला के साथ गैंगरेप किया गया था. उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गई, जिससे अंदरूनी पार्ट बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसके अलावा, शरीर पर कई जगह घाव के निशान हैं और कई हड्डियों को तोड़ा गया है.


दो आरोपी गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार
पुलिस ने मंदिर के महंत समेत तीन लोगों पर गैंगरेप के बाद हत्या का केस दर्ज कर लिया है. पुलिस अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि मुख्य आरोपी अब भी फरार है. मामले में एसएसपी ने कार्रवाई कर लापरवाह थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है. फरार आरोपी की तलाश में चार टीमें लगाई गई है.


ये भी पढ़ें:



बदायूं गैंगरेप: बीजेपी पर बरसीं प्रियंका गांधी, महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नीयत में खोट है


गाजियाबाद: मुरादनगर हादसे के तीन दिन बाद जागा प्रशासन, श्मशान घाट का हिस्सा सील