प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ ने जबरदस्त तबाही मचा रखी है। यहां बाढ़ की वजह से पांच लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। हजारों की संख्या में लोग घर बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं। शहर से लेकर गांव तक तमाम इलाके बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। एनडीआरएफ की टीम चार दिनों से कमान संभाले हुए है, जबकि बाढ़ से निपटने के लिए सेना से भी मदद मांगी गई है। तमाम इलाकों में पानी भरने की वजह से 12वीं तक के सभी स्कूल-कॉलेज अगले पांच दिनों तक बंद रखे जाने के आदेश दिए गए हैं।
प्रयागराज में गंगा नदी कल से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि आशंका जताई जा रही है कि यमुना नदी भी आज दोपहर तक खतरे का निशान पार कर सकती है। बाढ़ से समूचे प्रयागराज में हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन सरकारी अमला अभी कछुए की रफ़्तार से ही काम कर रहा है। रुक -रुककर हो रही बारिश लोगों की मुसीबतों को और बढ़ा रही है।
राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की नदियों व बैराजों से छोड़ा गया। इस कारण भी प्रयागराज के लोगों की मुसीबतें और बढ़नी तय है। प्रयागराज में एनडीआरएफ की टीम दिन रात रेस्क्यू कर रही है। एनडीआरएफ के जवान मुश्किलों की परवाह किये बिना लोगों की ज़िंदगी बचा रहे हैं। शिवा राव की अगुवाई में एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम मुसीबत में फंसे हुए लोगों के लिए उम्मीद की किरण के तौर पर काम कर रही है। एक -एक ज़िंदगी बचाने में कई बार इस टीम को घंटों जद्दोजहद करनी पड़ती है।
प्रयागराज में शहर के तीन दर्जन से ज़्यादा मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं। छोटा बघाड़ा- दारागंज, सलोरी, करेलाबाग, राजापुर, अशोक नगर, रसूलाबाद, ओम गायत्री नगर, गंगा नगर, नेवादा, गौस नगर, बेली, कमला नगर, तेलियरगंज, बलुआघाट, दरियाबाद जैसे मोहल्लों में पांच हजार से ज्यादा मकानों में बाढ़ का पानी भर गया हैं। यहां सड़कें और रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। सड़कों पर नावे चल रही हैं और इलाके टापू की शक्ल में नजर आ रहे हैं।
अब तक एक लाख से ज्यादा लोग सुरक्षित जगहों पर भेजे गए हैं। ग्रामीण इलाकों का हाल और भी बुरा है। प्रयागराज तीन तरफ से नदियों से घिरा हुआ है, लिहाजा गंगा यमुना और टोंस जैसी कई छोटी नदियों के कछारी इलाके के गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग नावों पर गृहस्थी लादकर बाहर निकल रहे हैं। गंगापार इलाके में हालात ज्यादा खराब है। बदरा- सोनौटी और गारापुर जैसे कई गावों का संपर्क बाकी जगहों से कट गया है। 60 से ज्यादा गांवों के लोग बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं।
इस मुश्किल वक्त में एनडीआरएफ की टीम लगातार बचाव अभियान में जुटी है। एनडीआरएफ की नावों से अब तक एक हजार के करीब लोग घरों से बाहर निकाले गए हैं। शहर में संगम जाने वाले रास्ते तीन किलोमीटर पहले से ही बाढ़ के पानी में समाए हुए हैं। तमाम मठ मंदिर और आश्रम भी बाढ़ में डूबे हुए हैं। प्रयागराज में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। वैसे यहां के लोगों को अगले एक हफ्ते तक बाढ़ से निजात मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। बाढ़ राहत केंद्रों में भीड़ लगातार बढ़ रही है, लेकिन यहां अब भी बुनियादी सुविधाओं का अकाल है। अगर आपके कोई परिचित प्रयागराज की बाढ़ में फंसे हैं तो कंट्रोल रूम में 0532- 2641577 & 2641578 पर संपर्क कर सकते हैं।
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