Mainpur News: यूपी के जनपद मैनपुरी में स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में झोला छाप डॉक्टर फल-फूल रहे हैं. मरीजों के जीवन के साथ यहां खिलवाड़ किया जा रहा है. जिले में इसकी वजह कई मौतें हो चुकी हैं. बिना, डिग्री-डिप्लोमा उपचार कर रहे हैं. विभाग के माध्यम से आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमारी टीम ने झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा किये जा रहे उपचार का अलग-अलग क्षेत्रों से कवरेज कर हकीकत का जायजा लिया.


ना डिग्री, ना डिप्लोमा फिर भी कर रहे हैं इलाज


आपको बता दें कि, बदलते मौसम के चलते जनपद मैनपुरी के सैकड़ों गांव में वायरल फीवर और डेंगू जैसे खतरनाक बीमारी का प्रकोप चरम सीमा पर फैला हुआ है, तो वहीं इस बीमारी का फायदा उठाते हुए झोलाछाप चिकित्सक जिनके पास ना तो डिप्लोमा है और ना ही कोई डिग्री यहां तक जनपद मैनपुरी में कुछ डॉक्टर कक्षा 8 पास ही हैं, वह भी स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में फल फूल रहे इसकी हकीकत का जायजा लेने के लिए जनपद मैनपुरी के अलग-अलग क्षेत्रों से कवरेज कर मीडिया ने हकीकत का जायजा लिया तो कवरेज के दौरान किस तरह के नजारे देखने के मिले आइए आपको बताते हैं.


किशनी कस्बे में फर्जी डॉक्टर


जनपद मैनपुरी के थाना किशनी क्षेत्र के कस्बा समान कटरा के फर्जी डॉक्टर बंगाली गुड्डू यादव से जो कभी डॉक्टर बंगाली के अस्पताल में कंपाउंडर बनकर फोड़ा फुंसी की चीर फाड़ का काम करते हैं, लेकिन इन दिनों निजी अस्पताल खोलकर फोड़ा फुंसी के अलावा डेंगू और वायरल फीवर के साथ- साथ अन्य गुप्त रोगों का उपचार करते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि उनके पास कोई भी डिग्री और डिप्लोमा नहीं है.


वहीं, जनपद के कस्बा करहल में जहां एनएस हॉस्पिटल एक शोरूम के रूप में खुला हुआ है और अच्छा खासा बोर्ड भी लगा हुआ है. अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी के साथ-साथ भ्रूण हत्या का भी काम होता है, यहां तक एमबीबीएस डॉक्टर के नाम भी लिखे हुए लेकिन उपचार के नाम पर अस्पताल संचालक संदीप कुमार ही उपचार करता हुआ नजर आ रहा है. 


डी फार्मा कर रहे हैं इलाज


कस्बा करहल के ही एक और चिकित्सक बलराम सिंह से मिल जाते हैं तो यह है डॉक्टर बलराम सिंह जिनके पास डिप्लोमा डी फार्मा का है जो मेडिकल लाइसेंस लेने के काम आता है और मेडिसन बेचने के लिए कारगर होता है, लेकिन यह डेंगू और वायरल फीवर का खुलेआम उपचार कर रहे हैं.
 


बिना रिपोर्ट के कर देते हैं इलाज


मैंनपुरी से मात्र 6 किलोमीटर दूर ग्राम कछपुरा में तो यहां पर तो बहुत बड़े-बड़े डिग्री होल्डर यह हैं, डॉक्टर चैन कुली और बंगाली के नाम से प्रसिद्ध हैं. अब आपको रूबरू करवा रहे हैं एक वृद्ध डॉक्टर एस के शर्मा से जो कमीशन के लिए बीमार लोगों की टेस्ट रिपोर्ट लैब से तो करवाते हैं लेकिन बिना रिपोर्ट देखे ही उपचार करने में बड़े माहिर हैं.  तो सो लीजिए यह भी क्या कहते हुए नजर आ रहे हैं, इन्हें उपचार करने की अथॉरिटी है या नहीं, खुद भी कह रहे हैं कि हमें आती नहीं है फिर भी उपचार कर रहे हैं. ऐसा नहीं कि स्वास्थ्य विभाग को फर्जी डॉक्टरों की जानकारी नहीं है, लेकिन कार्यालय से संबंध रखते हुए मंथली सुविधा शुल्क देकर खुलेआम उपचार कर रहे हैं. जिसके चलते झोलाछाप चिकित्सकों के उपचार से अब तक 6 दिनों में 4 मौतें हो चुकी हैं, फिर भी स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना और बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.


इस संबंध में जब मीडिया ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पी पी सिंह से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि, उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है. अब जानकारी मिली है. फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 



ये भी पढ़ें.


Kaushambi Kuppi War: खुले मैदान में हुई रियल वॉर तो रावण से चारों युद्ध हार गई राम की सेना, कुप्पियों से कल फ़िर होगी सचमुच की लड़ाई