'भक्क...गला फाड़-फाड़ के चिल्लाती रहती हूं', झांसी अस्पताल हादसे पर भड़कीं नेहा सिंह राठौर
Jhansi Medical College Fire: झांसी हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त है. सीएम योगी के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक झांसी मेडिकल कॉलेज में आज दोपहर तक रहेंगे.
Neha Singh Rathore on Jhansi Medical College Fire: झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज हादसे में दस बच्चों की झुलसकर दर्दनाक मौत हो गई. जिस पर भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस हादसे को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मैं स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए कहती हूं लेकिन बदले में गालियां दी जाती है.
भोजपुरी गायिका ने झांसी की घटना को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें अपने मासूम बच्चों के लिए रोते-बिलखते परिजन तड़प रहे हैं. उन्होंने लिखा- 'झाँसी मेडिकल कॉलेज में दस नवजात बच्चे जिंदा जल गये. क्या लिखूं इस पर..! भक्क! गला फाड़-फाड़ के चिल्लाती रहती हूं कि स्वास्थ्य-सेवाएं सुधारों…और बदले में गालियां दी जाती हैं. हिंदू बचाने आये हैं ये! नीच कहीं के!'
झाँसी मेडिकल कॉलेज में दस नवजात बच्चे ज़िंदा जल गये.
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) November 16, 2024
क्या लिखूँ इस पर..! भक्क! 😭
गला फाड़-फाड़ के चिल्लाती रहती हूँ कि स्वास्थ्य-सेवाएँ सुधारों…और बदले में गालियाँ दी जाती हैं.
हिंदू बचाने आये हैं ये! नीच कहीं के!#jhansimedicalcollege pic.twitter.com/ayZKU0vGjP
इधर झांसी हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त है. सीएम योगी के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक झांसी मेडिकल कॉलेज में आज दोपहर तक रहेंगे, तीन बजे झांसी से लखनऊ आएंगे. इस बीच सभी पीड़ितों के परिजनों से मिलकर उन्हें हर सम्भव सहायता मुहैया कराएंगे. झांसी पहुंचने के बाद स्थिति का जायजा लेने के बाद ब्रजेश पाठक ने टेलीफोनिक वार्ता के जरिये CM को मेडिकल कॉलेज के मौजूदा हालात की जानकारी सुबह सुबह दी. सभी अधिकारियों को मेडिकल कॉलेज में ही कैम्प करने का निर्देश शासन से दिया गया है.
39 नवजात को बचा लिया और 10 बच्चों की मौत- CMS सचिन माहोर
वहीं झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर ने बताया- "कल रात 10.30-10.45 बजे के बीच शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई. नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में 49 बच्चे थे. 39 को बचा लिया गया और 10 बच्चों की मौत हो गई. अभी तक बचाए गए सभी बच्चे स्थिर हैं. 3 बच्चों के शवों की पहचान नहीं हो पाई है, उनकी पहचान की प्रक्रिया चल रही है ताकि शवों को उनके माता-पिता को सौंपा जा सके."
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