प्रयागराज: बिहार चुनाव में अपने चर्चित गीत 'बिहार में का बा' से खूब सुर्खियां बटोरने वाली लोक गायिका नेहा सिंह राठौर अपने नये गीत की वजह से विवादों में घिर गईं हैं. दरअसल नेहा सिंह राठौर का नया गीत आक्सफोर्ड ऑफ द ईस्ट कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी पर आधारित है. तकरीबन सवा तीन मिनट के इस गीत में नेहा ने युनिवर्सिटी के छात्रों को बमबाज बताया है. उन्हें छेड़खानी करने वाला करार दिया है. कोचिंग संचालकों से वसूली करने वाला बताया है और कहा है कि यहां लोग सिर्फ इलेक्शन लड़ने के लिए एडमिशन लेते हैं. नेहा ने अपने इस गीत में छात्रसंघ पर भी निशाना साधा है.
नेहा ने अपने इस वीडियो सांग को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है
गीत में कहा गया है कि सवा सौ साल से पुरानी इस युनिवर्सिटी के छात्र शहर के कर्नलगंज से लेकर कटरा इलाके तक के लोगों को परेशान करते हैं. नेहा के इस नये गीत का मुखड़ा लइके युनिवर्सिटी में एडमिशन, लड़िहें छात्रसंघ के इलेक्शन है. नेहा ने अपने इस वीडियो सांग को सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया है, जिसके बाद इस पर कोहराम मच गया है.
छात्रों ने कहा- माफी मांगे
युनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि देश ही नहीं दुनिया के इस नामी संस्थान ने राजनीतिज्ञ से लेकर हर विधा में तमाम प्रतिभाएं दी हैं. कभी इस युनिवर्सिटी को आईएएस फैक्ट्री तक कहा जाता था. ऐसे में नेहा के इस गाने से युनिवर्सिटी की छवि धूमिल हुई है. यह युनिवर्सिटी से किसी भी तरह जुड़े रहे लोगों का अपमान है. छात्रों ने नेहा के इस गीत के विरोध में प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है. स्टूडेंट्स ने नेहा से माफी की मांग की है और माफी न मांगने पर मुकदमा दर्ज कराने व कानूनी कार्यवाही की बात कही है. छात्रों ने युनिवर्सिटी प्रशासन को ज्ञापन भी दिया है.
नेहा पीछे हटने को तैयार नहीं
गाने पर मचे कोहराम के बावजूद नेहा पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वह फेसबुक से लेकर दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी सक्रिय हैं और गाने में कही गई अपनी बातों पर अडिग हैं. उनकी दलील है कि उनके गीत को लेकर भावुक होने की ज़रुरत नहीं है. ऐतिहासिक बिल्डिंग अब डिग्री कालेज की तरह हो गई है. सिर्फ अतीत ही रह गया है. नेहा के विरोध में छात्रों का आंदोलन कल से और तेज़ होने की उम्मीद है.
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