नई दिल्ली, एबीपी गंगा। साल की सबसे बहुप्रतिक्षित वेब सीरीज Sacred Games-2 का राज, देखा जाए तो 66 साल पहले आई एक फिल्म 'दो बीघा जमीन' के एक गाने में छिपा दिखाई देता है। शैलेंद्र ने ये गाना फिल्म के लिए 1953 में लिखा था और दोनों सीजन देखने के बाद ऐसा लगता है कि फिल्म का शीर्षक 'दो बीघा जमीन' और इस गीत के बोल इस सीरीज का सार है। ऐसा कम ही होता है कि किसी सीरीज में इतना गहराई में जाकर कोई विचार बोया गया हो।
फिल्मों और टीवी की दुनिया आज भले ही बदल रही हो और लोग किसी फिल्म के किसी रिलीज होने या उसके टीवी पर हफ्ते दर हफ्ते आने का इंतजार करें, इसकी बजाय पिछले कुछ सालों में सारे एपिसोड्स एक साथ दर्शक को उपलब्ध कराने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उस कड़ी में Sacred Games-2 की प्रतिक्षा लगभग हर जगह दिखाई पड़ रही थी।
आखिरी एपिसोड के बिल्कुल बीच में जब ये गाना बजता है, तो दर्शक को कई स्तर पर अलग-अलग भावना का अहसास होता है, जिस भावना से इस कहानी के सभी किरदार प्रेरित होते हैं। हम यहां आपको न केवल उस गाने से परिचित करा रहे हैं, बल्कि अगर आप इस सीरीज को देखें, तो आपको भी इस बात का एहसास होगा, ऐसी उम्मीद है। गाने के बोल कुछ इस प्रकार हैं.... "अपनी कहानी छोड़ा जा, कुछ तो निशानी छोड़ जा....कौन कहे इस ओर तू फिर आए या न आए...मौसम बीता जाए..."
आप भी सुनें ये गाना....
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