रायबरेली. जनपद रायबरेली में जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जंग में सीएमओ की हार के बाद जिले के स्वास्थ्य महकमे की कमान वीरेंद्र सिंह को सौंपी तो अगले दिन ही वे एक्शन मोड में भी नजर आए.


दूसरे दिन ही लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर साफ सफाई अन्य चीजों का जायजा तो लिया और विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों पर नाराज भी दिखे, लेकिन मीडिया के सवालों का सीएमओ साहब गोलमोल जवाब ही देते दिखे. हर प्रश्न का एक ही रटा रटाया जवाब सीएमओ साहब का था, की जांच कराई जाएगी, दिखाया जाएगा.


अंदर से सख्त , बाहर से नरम दिखे नये सीएमओ


फिलहाल जिले के नवागंतुक मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र सिंह जिले का चार्ज लेने के दूसरे दिन ही निरीक्षण करने लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां अधीक्षक गायब मिले और अस्पताल की हालत काफी बिगड़ी हुई दिखी. साफ-सफाई को देखकर भी सीएमओ साहब भड़के नजर आए. इतना ही नहीं खुद शौचालय में जाकर उस का जायजा लिया. कर्मचारी उनके सख्त तेवर देखकर दंग रह गए. वहां की फाइलों वा स्थलीय चीजों का बारीकी से निरीक्षण भी किया लेकिन जैसे ही मीडिया कर्मी पहुंचे सीएमओ साहब बगले झांकते दिखे. मीडिया कर्मियों के सवालों का गोलमोल जवाब मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने दिया. अंदर से सख्त रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने कर्मचारियों व खामियों को मीडिया के सामने छुपाते दिखे.


छिड़ी जंग में हारे थे सीएमओ, सूबे के मुखिया की नजर है टेढ़ी


आपको बता दें कि बीते सप्ताह जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव व पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय कुमार शर्मा के बीच जंग छिड़ी थी. जिस की धमक शासन स्तर तक भी पहुंची. जिसके बाद लखनऊ से रायबरेली आए मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने मध्यस्थ का भी काम किया और मामले को ठंडा करने का पूरा प्रयास किया. चूंकि सीएमओ साहब और डीएम साहब की जंग सूबे के मुखिया के कानों तक पहुंच चुकी थी, जिसमें प्रथम प्रथम दृष्टया मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय कुमार शर्मा को रायबरेली से झांसी वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर भेज कर सजा दे दी गयी. लेकिन दोनों अधिकारियों की जंग ने आम जनता के बीच गलत संदेश दिया है.


क्या नये सीएमओ से बैठेगा डीएम का तारतम्य


जिले में आए नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिलाधिकारी के बीच किस तरह सामंजस्य बैठता है यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन बड़ी मछली सदैव छोटी मछली को निगल जाती है. यह कहावत रायबरेली के जिलाधिकारी व सीएमओ की जंग में चरितार्थ जरूर हुई है. इससे अंदाजा लग रहा है कि नवागंतुक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिलाधिकारी से पंगा लेने से बचेंगे जरूर.


क्या कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी का


डॉ वीरेंद्र सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि इस कोविड काल में जो सुविधाएं हो सकती हैं, उसे मुहैया कराया जाएगा. साथ ही नॉन कोविड के लिए भी निरीक्षण किया गया है कि उसको भी सुविधाएं मिले. साफ सफाई की कमियां मिली तो उसे कह दिया गया है. अस्पताल के अधीक्षक छुट्टी लेकर गए हैं वह आ रहे हैं उनको रिपोर्ट दी जाएगी. बाकी अन्य चीजों को भी देखा गया है उसे दिखाया जाएगा.


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