गोरखपुर: गोरखपुर की सूरत जल्द ही बदलने वाली है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण का विस्तार हो चुका है. इसी के साथ शहर के विस्तार का भी खाका तैयार हो चुका है. विकास प्राधिकरण ने गोरखपुर के आसपास से जाने वाले हाइवे के किनारे के अधिकतर गांवों को अपनी सीमा में शामिल कर लिया है. शहर के चारों ओर प्रस्तावित फोरलेन रिंग रोड को भी ध्यान में रखते हुए ये सीमा विस्तार किया गया है. विकास प्राधिकरण के साथ नगर निगम क्षेत्र ने भी पूर्व में कुछ गांव को निगम क्षेत्र में सम्मिलित किया था. विकास की नई परियोजनाओं से रिंग रोड के साथ चारों ओर एक नया गोरखपुर बस सकेगा.
233 गांव शामिल किये गये
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के वीसी (उपाध्यक्ष) अनुज सिंह ने बताया कि जीडीए में पहले नगर निगम के साथ 86 गांव शामिल थे. 22 दिसंबर को हुए सीमा विस्तार में 233 नए गांवों को शामिल किया गया है. इन गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव बनाने से पहले हर पहलू का अध्ययन किया गया. प्राधिकरण के पास शहर में नई परियोजनाएं लाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं रह गई थी. शहर का अनियोजित विकास धड़ल्ले से हो रहा था. इसे देखते हुए गोरखपुर-देवरिया फोरलेन, गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन, गोरखपुर-महराजगंज रोड, गोरखपुर-सौनौली रोड के किनारे के गांवों को जीडीए में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया.
गांवों का होगा विकास
गोरखपुर के चारों ओर फोरलेन रिंग रोड प्रस्तावित है. इसका तीन हिस्सा पूरा हो चुका है. आखिरी हिस्सा मानीराम के पास दौलतपुर से कुशीनगर फोरलेन में जगदीशपुर के पास तक बनाया जाएगा. करीब 26 किलोमीटर लंबी यह सड़क महराजगंज रोड, पिपराइच रोड को क्रास करते हुए जाएगी. 'सड़कों के साथ विकास आता है' इस धारणा के साथ जीडीए ने अपनी योजना बनायी और उसे अमलीजामा भी पहनाया. नए गोरखपुर बसाने की दृष्टि से ही रिंग रोड के दोनों ओर के गांवों को जीडीए के दायरे में शामिल किया गया है. जीडीए के दायरे में आने के बाद इन गांवों को जल्द ही महायोजना 2031 में शामिल कर लिया जाएगा.
गोरखपुर नगर निगम के नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर के 31 गांव को पूर्व में नगर निगम क्षेत्र में शामिल किया गया है. हाल ही में एक अन्य गांव को भी जोड़ा गया है. विकास की ये सतत प्रक्रिया है. जिस तरह से शहर की जनसंख्या और विकास होता है, उसी प्रकार उसके विस्तार की भी प्रक्रिया चलती रहती है.
जीडीए में 233 गांव को शामिल करने से जहां शहर की सीमा का विस्तार होगा. तो वहां विकास भी दिखाई देगा. ऐसे में जीडीए में शामिल हुए गांव को जहां अनेक शहरी योजनाओं का लाभ मिलेगा. तो वहीं मूलभूत सुविधाओं के साथ शहर के बाहरी छोर पर रिंग रोड के चारों ओर नया शहर बसा हुआ सा दिखाई देगा.
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