New Kanpur City Project : दशकों से कागजों में धूल फांक रही न्यू कानपुर सिटी योजना अब अपना स्वरूप ले सकती है. कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने धूल फांक रही न्यू कानपुर सिटी योजना की फाइल ना सिर्फ तलब की है, बल्कि कोर्ट में प्रभावी पैरवी करते हुए इसे मूर्त रूप देने की ठान ली है. कानपुर विकास प्राधिकरण की बहुपतीक्षित योजना न्यू कानपुर सिटी में तेज़ी आने जा रही है. गौरतलब है कि साल 1996 में केडीए की योजना को बाबूओं ने निजी बिल्डरों और अधिकारियों की सांठगांठ के चलते अब तक पूरी नहीं हो पाई है, लेकिन 100 करोड़ रुपए के आसपास इस पर खर्च किया जा चुका है. 


सुप्रीम कोर्ट चला गया था मामला 


कानपुर विकास प्राधिकरण ने कानपुर महानगर को विस्तार देने के लिए साल 1996 में न्यू कानपुर सिटी योजना बनाई थी. न्यू कानपुर सिटी योजना साल 1996 में बिठूर मैनावती मार्ग के बाएं हाथ की तरफ इस योजना को स्वरूप दिया जाना था. 465 हेक्टेयर में इस योजना को बनाया जाना था. इस जमीन में अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की गई थी, लेकिन मामला उच्च न्यायालय में पहुंच गया तो योजना ठप्प पड़ गई. अब एकबार फिर इस योजना की फ़ाइल निकाली गई है. जिसके बाद उम्मीद जगी है कि नई कानपुर सिटी योजना मूर्त रूप ले पाएगी.


बाबुओं-बिल्डरों की सांठगांठ से योजना लटकी


दरअसल, कानपुर विकास प्राधिकरण में बाबुओं, निजी बिल्डरों और अधिकारियों के कॉकस ने इस योजना को कभी परवान नहीं चढ़ने दिया. कोर्ट में प्रभावी पैरवी ना होने के चलते 350 हेक्टेयर जमीन के नोटिफिकेशन को निरस्त कर दिया गया. प्राधिकरण के पास 111 हेक्टेयर की भूमि बची हुई है लेकिन परेशानी यह है कि, यह जमीन बंटी हुई है. यानी जमीन का एक जगह न होना भी इस योजना में बड़ा अड़चन बन गया. इसी कारण से यह स्कीम कभी सफल नहीं हो पाई. केडीए ये भी मानता है कि, अबतक इस योजना पर काफी खर्चा भी हुआ है.


फेस वाइस होगा निर्माण


कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह की माने तो प्राधिकरण का अब इस मामले को नए सिरे से उठाया गया है. न्यायालय में प्रभावी पैरवी और नई रणनीति बनाकर इस स्कीम को सफल बनाने की कानपुर विकास प्राधिकरण कोशिश कर रहा है. अब इसे फेस वाइस बनाने पर विचार किया जा रहा है. 


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