(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Parliament Building Inauguration: नए संसद के उद्घाटन पर मायावती का फैसला मजबूरी! इन वजहों से BJP के साथ जाने के लिए मजबूर
New Parliament Building: नए संसद के उद्घाटन पर मायावती के फैसले को मजबूरी के तौर पर देखा जा रहा है. बसपा के सांसदों ने भी नई संसद के उद्घाटन को ऐतिहासिक क्षण बताया है.
Parliament Building Inauguration: नए संसद के उद्घाटन कार्यक्रम का कांग्रेस समेत 20 दलों ने बहिष्कार किया है. इसमें समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और अन्य दल शामिल हैं. हालांकि बहुजन समाज पार्टी ने विपक्ष से इस मामले में दूरी बना ली है. पूर्व सीएम मायावती ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है.
हालांकि राजनीतिक हलकों में मायावती के इस समर्थन को उनकी मजबूरी माना जा रहा है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बसपा के कुछ सांसद ऐसे हैं जो अभी से ही भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने की फिराक में हैं. ऐसे में मायावती, अपने सांसदों को कोई मौका नहीं देना चाहती कि वे पार्टी छोड़कर जाएं.
दीगर है कि बसपा के सांसद मलूक नागर ने बीते दिनों कहा था कि उन्हें इस उद्घाटन से कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने abp news से कहा था- 'मैं संसद भवन के उद्घाटन का विरोध नहीं करता हूं.'
मलूक नागर ने कहा- यह ऐतिहासिक क्षण
नए संसद भवन के उद्घाटन पर बसपा सांसद मलूक नागर ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है. इसका विरोध गलत है. विपक्ष यदि सही बातों और मुद्दों का विरोध नहीं करेगा तो कमजोर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि देश में बड़ी संसद बननी चाहिए थी, जो अब बन गई है, ये तो अच्छा है.
बसपा सांसद ने कहा था कि ये ऐतिहासिक क्षण है, इस पर भी राजनीति करेंगे तो देश कैसे मजबूत करेंगे. राष्ट्रपति को आमंत्रण ने किए जाने के सवाल पर मलूक ने कहा था जो लोग राष्ट्रपति का नाम लेकर विरोध कर रहे हैं, ये सब तब कहां थे जब उनके खिलाफ चुनाव लड़ाया जा रहा था.
इसके अलावा जौनपुर से बसपा के सांसद श्याम सिंह यादव भी कई मौकों पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ दिख चुके हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद श्याम सिंह यादव कई मौकों पर बीजेपी की प्रशंसा भी कर चुके हैं.
मायावती ने किया था ये ट्वीट
मायावती ने कहा- केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है.
बसपा नेता ने कहा- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित. सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है. इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित. यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था.
पूर्व सीएम ने कहा- देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें. किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.