New Parliament Building Inauguration: संभल सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने आवास पर संसद भवन में सेंगोल लगाए जाने के सवाल पर कहा कि पार्लियामेंट सबकी है सब अपने धर्म के हिसाब से काम करते हैं. यह सियासी मसला है इसे धर्म का रंग देना मुनासिब नहीं होगा. इसके साथ ही सपा सांसद ने कहा कि नई संसद बनाने की कोई जरूरत ही नहीं थी, पुरानी संसद में कोई कमी नहीं है. सरकार को देश के हालात को सुधारने की बातें सोचनी चाहिए यहां जो लोग भूखे मर रहे हैं. महामहिम राष्ट्रपति को न्योता नहीं देने पर विपक्ष ने इसका विरोध किया है जबकि महामहिम राष्ट्रपति से इसका उद्घाटन करवाना चाहिए था.


सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने आवास दीपा सराय में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा उन्होंने संसद को तो बना दिया मगर मुल्क के हालात को नहीं देखा. लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है देश की हालत बहुत ज्यादा खराब है इन हालातों में पार्लियामेंट बनाना मुनासिब नहीं था. हमारे पास इतिहास मौजूद है संविधान मौजूद है यह भी हमारे देश के लोगों ने बनाया है. जिस के चेयरमैन डॉक्टर अंबेडकर थे, संविधान की रोशनी में कुछ ऐसा नहीं दिया गया है. पहले पार्लियामेंट में तो नहीं हुआ देश में सभी छोटे बड़े हर बिरादरी हर कौम हिंदू मुस्लिम सब शामिल हैं. सपा सांसद ने कहा कि हम चाहते हैं हमारा देश आगे बढ़े नफरत खत्म हो प्यार और मोहब्बत की फिजा कायम हो सब अपने धर्म के हिसाब से काम करते हैं यह सियासी मसला है. 


वहीं नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार के ‘अहंकार’ ने संसदीय प्रणाली को ‘ध्वस्त’ कर दिया है. इसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इसका विरोध किया है, अखिलेश यादव ने कहा कि "जहां सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्घाटन में क्या जाना."


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