Swami Prasad Maurya on Sengol in Parliament: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज 28 मई को देश की नई संसद (New Parliament) का उद्घाटन किया. आज सुबह 7.30 पूरे विधि विधान के साथ सबसे पहले पूजा-अर्चना की गई और फिर पीएम मोदी ने लोकसभा में सेंगोल (Sengol) का स्थापित किया. जिसपर अब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है. मौर्य ने कहा कि सेंगोल की स्थापना पूजन में सिर्फ दक्षिण पंथी ब्राह्मण को बुलाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. इस कार्यक्रम में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए था.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला किया और कहा कि जिस तरह से इस कार्यक्रम में दक्षिण भारत के ब्राह्मण और गुरुओं को बुलाया गया उससे बीजेपी की घृणित सोच दिखाई देती हैं. संसद में सेंगोल की स्थापना के जरिए बीजेपी राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है.
मौर्य ने किया बीजेपी पर तीखा हमला
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष, संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब, मुस्लिम धर्मगुरु (मौलाना), ईसाई धर्मगुरु (पादरी) आदि सभी को आमंत्रित किया जाना चाहिए था. ऐसा न कर भाजपा अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है. यद्यपि कि भाजपा सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है अपितु दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है.
स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार सेंगोल को लोकसभा में स्थापित करने का विरोध कर रहे हैं. इससे पहले भी उन्होंने सेंगोल को राजतंत्र का प्रतीक कहा था उन्होंने कहा कि आज जब देश में लोकतंत्र हैं ऐसे में राजतंत्र के प्रतीक का क्या काम हैं. बीजेपी सरकार की इसके प्रति दीवानगी इस बात का प्रमाण है कि इसको लोकतंत्र में विश्वास नहीं है, ये लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है.
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