आगरा: घर में कुत्ता पालने से पहले दस बार सोच लीजिये, आपका ये शौक महंगा पड़ सकता है
घर में कुत्ता पालने के शौकीन लोगों के लिये अच्छी खबर नहींं है। आप आगरा में रह रहे हैं तो यह खबर पढ़ना जरूरी है। नगर निगम के इस नये आदेश के बाद ये शौक आपको महंगा पड़नेवाला है
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आगरा, नितिन उपाध्याय। घर की रखवाली कहो या फिर शौक, लेकिन अब कुत्ता पालना आपको महंगा पड़ेगा। कुत्ता पालने के लिए आपको नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराना होगा, इसके साथ ही एक हजार रुपये का टैक्स भी सालाना देना होगा। इसके लिए नगर निगम ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। आप आगरा में रहते हैं और अगर आप कुत्ता पालने के शौकीन हैं, तो अब आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। कुत्ता पालने के लिए आपको नगर निगम में पंजीकरण कराना होगा, साथ ही वार्षिक रूप से टैक्स भी भरना पड़ सकता है।
हाल ही में नगर निगम में ये प्रस्ताव रखा गया और अधिकांश पार्षदों के समर्थन के बाद इसे पास कर दिया गया। आपको बता दें कि म्यूनिसिपल एक्ट 2008 में दिए प्रावधान के अनुसार कुत्ता पालने के लिए नगर निगम की अनुमति की जरूरत होती है। इसके लिए नगर निगम में बाकायदा पंजीकरण कराना होता है। इसके लिए बाकायदा कानून बने हुए हैं, लेकिन इनका पालन नहीं किया जाता। इसी को लेकर नगर निगम के राजस्व को बढ़ाने के लिए निगम के सदन में पार्षदों ने इसका प्रस्ताव रखा, पार्षदों द्वारा बताया गया कि शहर में करीब दस हजार पालतू कुत्ते हैं। इनका निगम में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। ये जगह जगह पर गंदगी करते हैं और उस गंदगी को निगम के कर्मचारी साफ करते हैं। ऐसे में नगर निगम को कुत्ता पालने वालों से 1000 रुपए सालाना टैक्स लेना चाहिए। प्रस्ताव के मुताबिक अगर दस हजार पालतू कुत्तों के मालिकों से 1000 रुपए सालाना टैक्स लिया गया तो इससे नगर निगम को एक करोड़ की आमदनी होगी, इस प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद इसे आनन फानन में पास भी कर दिया गया, निगम अधिकारियों के अनुसार इसे जल्द धरातल पर लाया जाएगा और टैक्स प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस फैसले पर लोगों की प्रतिक्रिया भी आई है। उनका कहना है कि यह बिल्कुल अनुचित है। आपको बता दें कि ज्यादातर लोग अपने घरों में किसी न किसी जानवर को पालते हैं। सबसे जायदा संख्या तो ऐसे लोगों की होगी जो अपने घरों में कुत्ता पालते हैं। आगरा में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो पैसे वाले तो नहीं हैं लेकिन फिर भी अपने घर में एक छोटा डॉगी (पपी ) पालते हैं। कुछ तो ऐसे भी हैं जो सड़क के कुत्तों की सेवा करते हुए उन्हें घर में रख लेते हैं। लोगों का कहना है कि निगम का ये फैसला अनुचित है, एक आम इंसान इस मंहगाई के दौर में कहां से ये टैक्स देगा, वो पहले ही अपने पालतू डॉग पर कई खर्चे करता है।
इस बारे में जब हमने शहर के प्रतिष्ठित वेटेनरी डॉक्टर संजीव नेहरू से बात की तो उनका कहना था कि सरासर गलत है। कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जिनका मन नहीं होता पर अपने बच्चों के कहने से घर में छोटा डॉगी ( पपी ) पाल लेते हैं। कुछ सेवा भाव की दृष्टि से कुत्तों को पालते हैं। उनके ऊपर बिना सुविधाओं के ये टैक्स गलत है।
अब ऐसे में एक तरफ जहां निगम अधिकारी कहते हैं कि लोग अब लग्जरी जिंदगी जीने लगे हैं, लिहाजा ये टैक्स उनके ऊपर कोई वजन नहीं बढ़ाएगा। इधर जनता के टैक्स से निगम के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी जिसका लाभ जनता को अलग सुविधाओं के रूप में मिलेगा। लेकिन वहीं जनता का स्पष्ट रुख है कि निगम को टैक्स क्यों दें, निगम कौन सी सहूलियत उनको दे रहा है।
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