देश के लिए बेहद खास होगा साल 2020, 296 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग
1 जनवरी 2020 को सूर्योदय के समय धनु लग्न रहा वहीं पद्म और रवियोग भी बन रहे हैं। ग्रहों की ऐसी स्थिति 296 साल पहले 1 जनवरी 1723 को बनी थी।
नया साल नई उमंग के साथ आया है। इस साल बड़े बदलाव भी हो सकते हैं। नव वर्ष 2020 ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति और शुभ संयोग में शुरू हो रहा है। 1 जनवरी 2020 को सूर्योदय के समय धनु लग्न रहा वहीं पद्म और रवियोग भी बन रहे हैं। इनके साथ ही धनु राशि में सूर्य, बुध, बृहस्पति, शनि और केतु भी रहेंगे।
ग्रहों की ऐसी स्थिति 296 साल पहले 1 जनवरी 1723 को बनी थी। अब अगले 500 सालों तक ग्रहों की ऐसी स्थिति नहीं बनेगी। सितारों की ये स्थिति देश में बड़े बदलाव होने का संकेत दे रही है। ज्योतिष के अनुसार नया साल देश के लिए भी बेहद अहम साबित होने वाला रहेगा।
नए साल की शुरुआत में बुध, शनि और बृहस्पति धनु राशि में सूर्य के साथ होने से अस्त रहेंगे। जिससे इन 3 ग्रहों का शुभ और अशुभ असर कम हो जाएगा। इनके साथ ही सूर्य और केतु पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में रहेंगे। वहीं बुध और गुरू मूल नक्षत्र में एकसाथ हैं। इस तरह एक ही नक्षत्र में ग्रहों की युति बहुत ही कम बनती है। राहु को छोड़कर सभी ग्रह वृश्चिक से कुंभ राशि तक रहेंगे।
धनु राशि में पांच ग्रहों के होने से शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा। देश हित के लिए कड़े कानून और फैसले होंगे, जिससे जनता की परेशानियां बढ़ सकती हैं। देश में आक्रोश की स्थितियां भी बन सकती हैं, लेकिन विद्रोह नहीं होगा। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेगा। वहीं पश्चिमी प्रदेशों में उपद्रव की होने की संभावना बनेगी। पड़ोसी देशों में लगी सीमाओं पर भी उत्पात बढ़ सकता है।
नया साल षष्ठी तिथि को प्रारम्भ हो रहा है। षष्ठी तिथि की सामान्य संज्ञा नन्दा है, इसका विशेष नाम कीर्ति है। जिससे विश्व स्तर पर राष्ट्र का प्रभाव बढ़ेगा और पड़ोसी देशों में व्याकुलता बढ़ेगी एवं वो देश हताश होकर तनावपूर्ण स्थितियां बनाने की कोशिश करेंगे। प्रशासन और सैनिको के लिए पूरा साल बेहतर रहेगा।