रायबरेली: जहां एक तरफ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने व माफियाओं पर हंटर चलाने का लगातार काम कर रहे हैं. वहीं, फर्जी तरीके से अवैध अस्पतालों का मकड़जाल रायबरेली में फैलता जा रहा है और ऐसे अवैध अस्पतालों में मौत का बड़ा खेल भी खेला जा रहा है. ऐसा ही एक मामला गुरबख्शगंज थाना क्षेत्र के गोझरी स्थित न्यू आरोही अस्पताल का सामने आया. जहां मामूली चोट में इलाज कराने गया बच्चा गलत इलाज के कारण मौत के मुंह में समा गया. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल व पुलिस ऑफिस का घेराव किया तो अस्पताल में ताला बंद कर सभी नटवरलाल फरार हो गए. अस्पताल भी बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था जिसकी पुष्टि सीएमओ ने कर दी है. हालांकि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
शरीर पर पड़ने लगे चकत्ते
गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र के पूरे पहाड़पुर के रहने रज्जन पासी का 9 वर्षीय बेटा राज खेलते समय गिर गया जिससे उसके पैर में चोट आ गई. रज्जन पैर में आई चोट का इलाज कराने गोझरी स्थित न्यू आरोही अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने राज को एडमिट कर लिया. फिर बिल बढ़ाने के लिए तरह-तरह के प्रयोग शुरु कर दिए. लगभग 8 घंटे बाद अस्पताल प्रशासन ने राज को घर भेज दिया, लेकिन जैसे ही अस्पताल से कुछ दूर रज्जन अपने बेटे को लेकर पहुंचा उसकी हालत बिगड़ने लगी. वह दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचा तो अस्पताल के डॉक्टरों ने तरह-तरह के इंजेक्शन व इलाज करना शुरू कर दिया. जिसके बाद राज के शरीर पर चकत्ते पड़ना शुरू हो गए और कुछ समय बाद ही राज काल के गाल में समा गया. सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. तत्काल गुरबख्श गंज पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह हंगामे को रोका और मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया.
लूट घसोट के लिये बदनाम है अस्पताल
घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया और न्यू आरोही अस्पताल के डॉक्टरों व बिल्डिंग मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. कार्रवाई का आश्वासन पाकर परिजन वापस तो हो गए लेकिन पूरे क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे न्यू आरोही अस्पताल व उसके संचालक के लूट घसूट की चर्चाएं होती रहीं.
सीएमओ ने कार्रवाई के लिये कह दिया
फर्जी अस्पतालों का मकड़जाल रायबरेली में जबरदस्त तरीके से फैला हुआ है. न्यू आरोही अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहा था और इलाज के नाम पर धन उगाही का बड़ा खेल खेला जा रहा था. रजिस्ट्रेशन ना होने की पुष्टि खुद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने की. डॉ वीरेंद्र सिंह ने कहा मामला संज्ञान में आया है जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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