Nirbhaya Case निर्भया के दोषियों की नयी चाल....इस अर्जी को लगाकर अदालत को फिर उलझाया
निर्भया को दोषियों को फांसी पर लटकते सभी देखना चाहते हैं। हर बार नई अर्जी लगाकर वे फांसी को टाल रहे हैं।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। निर्भया के हत्यारों ने 20 मार्च को होने वाली फांसी से बचने के लिये फिर एक नई चाल चली है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एक नई अर्ज़ी लगाई है। कोर्ट निर्भया के हत्यारों की इस अर्जी पर आज दोपहर 12 बजे सुनवाई करेगा। अर्जी में मांग की गयी है कि निर्भया के हत्यारों को 20 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाई जाए। पटियाला हाउस कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया है कि निर्भया के हत्यारे पवन, विनय और अक्षय की दूसरी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। इसके साथ ही अक्षय की पत्नी ने उससे तलाक की अर्जी भी लगा रखी है, बिहार की एक अदालत में जिस पर सुनवाई लंबित है। लिहाज़ा जब तक इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो जाती तब तक फांसी की सजा नहीं होनी चाहिए।
कानून के मुताबिक अगर किसी भी दोषी की कोई भी याचिका किसी भी अदालत में लंबित है और वह वैध याचिका है तो ऐसे में दोषी को तब तक फांसी के फंदे पर नहीं लटकाया जा सकता जब तक उस याचिका का निस्तारण ना हो जाए। इससे पहले भी निर्भया के हत्यारे इसी तरीके से कोई ना कोई याचिका लगाकर अदालत में यह दलील देते रहे हैं कि उनकी याचिका अभी लंबित है लिहाजा फांसी ना दी जाए। यह निर्भया के हत्यारों के खिलाफ जारी किया गया चौथा डेथ वारंट है। इससे पहले भी अदालत निर्भया के दोषियों के खिलाफ तीन डेथ वारंट जारी कर चुकी थी लेकिन उन तीनों ही डेथ वारंट पर किसी न किसी वजह से रोक लग गई थी। जिसके बाद अदालत ने 5 मार्च को यह चौथा टेस्ट वारंट जारी किया है और इसके तहत निर्भया के हत्यारों को 20 मार्च सुबह 5:30 बजे होनी है फांसी। वैसे इससे पहले निर्भया के चारों हत्यारों की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं।
ऐसे में कानून के जानकारों के मुताबिक एक दया याचिका खारिज हो जाने के बाद दूसरी दया याचिका लगाने का कोई प्रावधान तो नहीं है लेकिन निर्भया के हत्यारे हर संभव कोशिश कर रहे हैं जिससे कि उनकी फांसी टल जाए। ऐसे में देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट निर्भया के हत्यारे अक्षय की पत्नी की याचिका को लंबित मानकर 20 मार्च को होने वाली इस फांसी को टालेगी। हालांकि अदालत के सामने भी यह एक बार नहीं बल्कि कई बार साफ हो चुका है कि निर्भया के हत्यारे फांसी टलवाने के लिए इस तरह की याचिकाएं अलग-अलग अदालतों में लगातार कर रहे हैं और मकसद साफ है कि जितना लंबा हो सके फांसी को टाला जा सके।