नई दिल्ली, एबीपी गंगा। निर्भया केस में दोषियों को मौत की सजा में देरी को लेकर तमाम सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। दोषी विनय शर्मा को झटका देते हुये कोर्ट ने राष्ट्रपति की दया याचिका को चुनौती देनेवाली अर्जी खारिज कर दी। इसके साथ ही दोषियों के पास अब सभी कानून विकल्प खत्म हो गये हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि विनय शर्मा मेडिकली फिट है।  इस बीच केंद्र सरकार की अभियुक्तों को अलग-अलग फांसी देने की अर्जी पर जब सुनवाई शुरू हुई तो जस्टिस भानुमति की तबीयत बिगड़ गई, इसके चलते सुनवाई बीच में ही रोकनी पड़ी।


गुरुवार को सुनवाई करते हुये देश की सर्वोच्च अदालत ने सभी दोषियों को शुक्रवार यानी आज दोपहर तक जवाब देने को कहा था।


क्या हुआ था पिछली सुनवाई में..


जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने एक और दोषी पवन कुमार गुप्ता के लिए वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त करने का आदेश दिया है। पवन गुप्ता इकलौता दोषी है, जिसने अभी तक सुधारात्मक याचिका नहीं दी है। उसने अभी दया याचिका भी नहीं दायर की है। केंद्र ने अपनी अर्जी में कहा है कि सिर्फ पवन के पास कानूनी विकल्प बचा है, लेकिन इस वजह से बाकी दोषियों की भी फांसी नहीं हो पा रही है।


आपको बता दें कि दोषियों द्वारा कानून प्रक्रिया का सहारा लेकर सजा में देरी के लिये पैंतरेबाजी कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने इसे लेकर कोर्ट में अर्जी लगाई है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की इस अर्जी पर दोषियों को नोटिस जारी किया था। अब कोर्ट को तय करना है कि क्या दोषियों को अलग-अलग फांसी पर लटकाया जा सकता है।