अयोध्या, एबीपी गंगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की होने वाली पहली बैठक में राम मंदिर निर्माण के तिथि की घोषणा हो सकती है। इसके साथ मंदिर में पुजारी की नियुक्ति पर भी चर्चा हो सकती है, जिस पर निर्मोही अखाड़ा अपना प्रस्ताव रखेगा। कुछ दिनों पूर्व अयोध्या में हुई निर्मोही अखाड़ा के पंचों की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि राम जन्मभूमि निर्मोही अखाड़ा का पूजा स्थल रहा है इसलिए राम जन्मभूमि की पूजा का अधिकार निर्मोही अखाड़े को मिलना चाहिए। निर्मोही अखाड़े के सरपंच राम चंद्राचार्य ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा था। उन्होंने मांग की थी कि निर्मोही अखाड़े के कम से कम सात लोगों को ट्रस्ट में शामिल किया जाये।


राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट की होने वाली पहली बैठक में नए सदस्यों को शामिल किए जाने के साथ ही राम मंदिर निर्माण की तिथि पर विचार किया जाएगा। वहीं, मंदिर में पुजारी के अधिकार को लेकर मंथन होगा। इस मंथन में निर्मोही अखाड़ा सबसे पहले अपना पुजारी होने का अधिकार का दावा करेगा तो वहीं महंत धर्मदास भी पुजारी के अधिकार को लेकर बैठक में शामिल होने की बात कही है लेकिन सूत्रों की माने तो महंत धर्मदास को बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया है।


वहीं पुजारी के अधिकार को लेकर रामजन्मभूमि के मुख्य वर्तमान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी ट्रस्ट से अपील की है कि भगवान श्री राम लला जब विवादों के घेरे में रहे उस समय भी अपने तन मन से सेवा भाव के साथ पूजन अर्चन किया है और आज भव्य मंदिर में विराजमान श्रीरामलला के पूजा करने का सौभाग्य मिलना चाहिए जिसको लेकर ट्रस्ट से अपील की है कि इस बात पर जरूर विचार करें।


सूत्रों के हवाले से खबर है कि हिंदू पक्षकार धर्मदास जी रामलला की पूजा-अर्चना पर अपना का दावा करने के लिए के. परासरन को पत्र सौंपेंगे। उनका दावा है कि उनके गुरू अभिराम दास ने रामलला के प्रकाटोत्सव के बाद से ही पूजा अर्चना की है, इसलिए पूजा का अधिकार धर्मदास भी मांग करेंगे जिसके लिए बिना निमंत्रण के ही दिल्ली रवाना हो चुके हैं।