नई दिल्ली,एजेंसी। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) शोध के मामले में दुनिया में शीर्ष संस्थान है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे बदनाम किया है, हम उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे और इसे राष्ट्र की मुख्य धारा से दूर नहीं होने दिया जाएगा।


लोकसभा में ''केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2019'' पर चर्चा का जवाब देने के दौरान निशंक ने यह टिप्पणी की। दरअसल, विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा के एसपी सिंह बघेल ने कहा कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आंध्र प्रदेश में जो जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित होने जा रहा है वो दूसरा जेएनयू नहीं बन पाए।


बघेल ने कहा कि यह व्यवस्था की जाए कि इस जनजातीय विश्वविद्यालय में ऐसे लोगों का दाखिला नहीं हो जो ''देशविरोधी नारे'' लगाएं। जवाब देने के दौरान निशंक ने कहा कि जेएनयू को कुछ लोगों ने बदनाम किया है। हम इन मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। इस पर बसपा के कुंवर दानिश अली अपने स्थान पर खड़े हो गए और आरोप लगाया कि मंत्री खुद एक केंद्रीय विश्वविद्यालय को बदनाम कर रहे हैं। इस दौरान दानिश अली और सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई।


मंत्री ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि जेएनयू दुनिया में शोध के मामले में शीर्ष संस्थान है। यह बहुत अच्छा संस्थान है। हमें इसे इसी तरह बरकरार रखेंगे। इसे मुख्यधारा से दूर नहीं होने देंगे।


इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कई सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों की स्थिति का मुद्दा उठाया और सरकार से सहयोग की मांग की।


भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एससी-एसटी, ओबीसी आरक्षण और सामान्य वर्ग के गरीबों का आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कांग्रेस पर दोनों विश्वविद्यालयों में इन वर्गों के बच्चों के अधिकारों पर डकैती डालने का आरोप लगाया।


चर्चा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, तेलुगू देसम पार्टी के राममोहन नायडू, कांग्रेस के अमर सिंह और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने भी भाग लिया।