UP Politics: नीतीश कुमार और अखिलेश यादव की मुलाकात में बन गई बात, कांग्रेस को लेकर भी बनी ये सहमति!
UP News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच मुलाकात के बाद नए संकेत मिलने लगे हैं. 2024 के चुनाव को लेकर सहमति बनती नजर आ रही है.
Lok Sabha Elections 2024: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बैठक की.उन्होंने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एक साथ लाने के प्रयास के तहत सोमवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) अध्यक्ष ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के साथ भी कोलकाता (Kolkata) में बैठक की.
ये बैठकें नयी दिल्ली में नीतीश कुमार द्वारा कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बातचीत के 12 दिनों के भीतर हुई हैं. वहीं सोमवार की बैठकों से यह संकेत मिले हैं कि दोनों क्षेत्रीय दलों (टीएमसी और सपा) के प्रमुख अब कांग्रेस के प्रति अपनी उदासीनता को छोड़ने और 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी गठबंधन के लिए सहमत हैं. ममता बनर्जी ने कुमार के साथ लगभग एक घंटे की बैठक की. नीतीश कुमार के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे.
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क्या बोलीं ममता बनर्जी?
समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण (जेपी) के 'संपूर्ण क्रांति' आंदोलन की करीब 49 साल पहले शुरुआत की स्मृति में बिहार में एक सर्वदलीय बैठक का विचार रखा गया, जो 'विपक्षी एकता का संदेश' दे. ममता बनर्जी ने अपने राज्य सचिवालय नबन्ना से बाहर निकलते हुए कहा, ‘‘मैंने नीतीश कुमार से केवल एक अनुरोध किया है. जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से शुरू हुआ था. अगर हम बिहार में सर्वदलीय बैठक करें, तो हम फैसला कर सकते हैं कि हमें आगे कहां जाना है.’’
लखनऊ में कुमार के विचारों का समर्थन करते हुए, अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी की 'गलत आर्थिक नीतियों' के कारण, गरीब पीड़ित हैं और मूल्य वृद्धि तथा बेरोजगारी 'सर्वकालिक उच्च स्तर पर' है. सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘बीजेपी को हटाओ और देश को बचाओ, और हम इस अभियान में आपके साथ हैं.’’ विपक्षी नेता बढ़ती बेरोजगारी, रुपये के अवमूल्यन और बढ़ती कीमतों के साथ-साथ सरकारी विज्ञापनों पर खर्च की आलोचना करते रहे हैं.