UP News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में प्रयागराज (Prayagraj) की फूलपुर (Phoolpur) सीट से बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) चुनाव लड़ सकते हैं. इसको लेकर यूपी में सियासी पारा चढ़ने लगा है. अब बीजेपी (BJP) के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के ओर से इस मामले में प्रतिक्रिया आई है.
सपा नेता आशीष चतुर्वेदी ने कहा, "अगर नीतीश कुमार फूलपुर से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं तो मैं समझता हूं कि वे पहले सपा के साथ विचार-विमर्श कर लें. इन्हें सपा के साथ पहले चर्चा करनी चाहिए थी." जबकि इससे पहले ललन सिंह ने कहा, "नीतीश कुमार और अखिलेश यादव अगर मिलकर यूपी में प्रचार करते हैं तो बीजेपी आज 65 पर है तो वहां 20 सीट पर पहुंच जाएगी. अभी लोकसभा चुनाव की कोई घोषणा नहीं हुई है, अभी तो 20 महीने हैं. जब समय आएगा तो फैसला होगा."
ये है समीकरण
नीतीश कुमार के फूलपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी की जानकारी देने वाले विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक यह फैसला अनायास ही नहीं, बल्कि खूब सोच-समझकर लिया गया है. दरअसल, प्रयागराज को देश में सियासत के बड़े केंद्र के तौर पर जाना जाता है. फूलपुर सीट का जातीय समीकरण भी पूरी तरह नीतीश के मुफीद है. यहां कुर्मी वोटर तीन लाख के करीब हैं.
जातीय गणित के सहारे ही फूलपुर सीट से अब तक नौ कुर्मी सांसद चुने गए हैं. मौजूदा समय में भी यहां से कुर्मी समुदाय की बीजेपी नेता केशरी देवी पटेल ही सांसद हैं. अकेले फूलपुर ही नहीं बल्कि आस-पास की तकरीबन दो दर्जन सीटों पर कुर्मी वोटर मजबूत स्थिति में हैं. यानी फूलपुर से चुनाव लड़कर राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा सियासी संदेश दिया जा सकता है. पीएम फेस को लेकर विपक्ष में भले ही खींचतान हो, लेकिन तकरीबन दो तिहाई विपक्षी वोटों को एकजुट कर बीजेपी को हराने की कोशिश तमाम बड़े दल करना चाहते हैं.
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