Haridwar: गांव में कोरोना से निपटने के दावे हकीकत से कोसों दूर, बेकाबू हुए हालात तो संभालना होगा मुश्किल
हरिद्वार के गांवों के पड़ताल करने पर पता चला कि, स्वास्थ्य विभाग के दावे जमीन पर हकीकत से दूर हैं. यहां गांवों में आइसोलेशव वार्ड तक का इंतजाम नहीं है.
हरिद्वार: कोरोना को लेकर सरकार की व्यवस्थाओं की पड़ताल के लिए एबीपी गंगा की टीम हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची. जहां सरकार की व्यवस्थाएं ना काफी नजर आईं. ग्रामीण क्षेत्रो में कोरोना की जांच कछुआ चाल से हो रही है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि, गांवों में कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है, लेकिन हकीकत इससे परे है. स्वास्थ विभाग के सबसे बड़े अधिकारी हरिद्वार के सीएमओ एस के झा दावा तो कर रहे हैं लेकिन सब कागजी नजर आ रहे हैं.
हकीकत से दूर सीएमओ का दावा
हरिद्वार सीएमओ एस के झा का दावा है कि, किस तरह से विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की हैं. जबकि एबीपी गंगा ने ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ताल के दौरान पाया कि, गांव में न तो आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं और ना ही ग्रामीणों को मास्क, सैनिटाइजर बांटे गए हैं. यहां तक कि ग्रामीणों का साफ कहना है कि, अभी तक उनके क्षेत्र में मेडिकल टीम ही नहीं आई. यदि कुछ गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची हुई है तो वहां गांव की आबादी के सापेक्ष पर मात्र 5 से 6 परसेंट लोगों की जांच की गई है. इस बात से स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.
गांव में मुश्किल होगा हालात संभालना
शहरी क्षेत्रों के बाद कोरोना के मामले ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बढ़ते जा रहे हैं, कर्फ्यू लगाकर सरकार ने शहरी क्षेत्रों में तो कोरोना पर कुछ हद तक काबू पा लिया है, लेकिन यदि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मामले बेकाबू होते हैं तो उन पर काबू पाना स्वास्थ्य विभाग के लिए मुश्किल साबित हो सकता है.
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