लखनऊ: उत्तर प्रदेश में महंगाई की मार झेल रहे बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए नियामक आयोग ने 2020-21 के लिए बिजली दरें नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के स्लैब में परिवर्तन के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है. आयोग के इस निर्णय से बिजली दरों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होगा. नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह, सदस्य केके शर्मा और वीके श्रीवास्तव ने नए टैरिफ ऑर्डर के आदेश जारी कर दिए. नए टैरिफ ऑर्डर में उपभोक्ताओं को कुछ राहत भी दी है. नया टैरिफ दीपावली के बाद लागू हो जाएगा.


उपभोक्ताओं को बड़ी राहत


दरअसल, पावर कॉर्पोरेशन ने स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव दिया था. इसमें बिजली दरों के 80 स्लैब को 50 करने का प्रस्ताव था. बीपीएल को छोड़ शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 स्लैब बनाने का प्रस्ताव था. कमर्शियल, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए 2 स्लैब प्रस्तावित थे. स्मार्ट मीटर आरसीडीसी फीस 600 रुपये से घटकर होगी 50 रुपये आयोग ने आदेश में स्मार्ट मीटर पर आने वाले सभी खर्च को उपभोक्ताओं पर नहीं डाले जाने का आदेश दिया है.


रिकनेक्शन और डिस्कनेक्शन में भी बदलाव


उपभोक्ता परिषद की मांग को मानते हुए स्मार्ट मीटर में 5 किलोवाट तक रिकनेक्शन और डिस्कनेक्शन चार्ज (आरसीडीसी) को 50 प्रति जाब और 5 किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं के लिए आरसीडीसी चार्ज 100 प्रति जाब कर दिया गया है. अभी तक बिजली कम्पनियां 600 रुपये आरसी, डीसी फीस वसूलती थीं. वहीं प्रीपेड उपभोक्तओं से अब आरसीडीसी फीस नहीं वसूली जाएगी.