प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में इन दिनों माघ का मेला लगा हुआ है. तकरीबन दो महीने तक चलने वाले आस्था के इस सबसे बड़े मेले में रोज़ाना बड़ी संख्या में देश के कोने -कोने से श्रद्धालु आ रहे हैं. हालांकि इस मेले में अब तक तकरीबन सौ लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इसे लेकर सरकारी अमले ने अब प्रयागराज के होटलों में कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट के बिना ग्राहकों को कमरा दिए जाने पर पाबंदी लगा दी है. सरकारी अमले ने यह फरमान जारी किया है कि होटलों में सिर्फ उन्ही ग्राहकों को ठहरने की इजाज़त दी जाए, जो पांच दिनों के अंदर की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आए हों. अगर कोई ग्राहक साथ में कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं लाता है तो उसे इंट्री न दी जाए.


स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी सूचना


सरकारी फरमान के मुताबिक़ इस दौरान होटल संचालकों को रोज़ाना अपने सभी ग्राहकों का तापमान व हेल्थ से जुड़े दूसरे रिकार्ड भी दर्ज करने होंगे. कोरोना के लक्षण पाए जाने पर फ़ौरन हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम को सूचना देनी होगी. इसके साथ ही सभी कमरों समेत पूरे कैम्पस को हर दिन सेनेटाइज भी करना होगा. इतना ही नहीं बिना नेगेटिव रिपोर्ट के कोई बाहरी व्यक्ति होटल में ठहरने वालों से मुलाकात भी नहीं कर पाएगा.


संक्रमण से काफी लोग बीमार हो सकते हैं


जिले के सीएमओ डा० प्रभाकर राय के मुताबिक़ यह फैसला माघ मेले के मद्देनज़र लिया गया है. जिला प्रशासन की तरफ से इस बारे में सभी होटलों को आदेश भेजे जा रहे हैं. उनके मुताबिक़ मेले के दौरान ज़्यादातर श्रद्धालु या तो तम्बुओं के शहर में लगाए गए कैम्पों में ठहरते हैं या फिर संगम पर आस्था की डुबकी लगाकर कुछ घंटे मेले में ठहरने के बाद वापस चले जाते हैं, लेकिन बाहर से आने वाले कुछ श्रद्धालु होटलों में भी ठहरते हैं, इसी वजह से ऐसा फैसला लिया गया है. सीएमओ डा० प्रभाकर राय का कहना है कि अगर बाहर से आने वाला कोई भी संक्रमित मेले में हज़ारों की भीड़ में चला जाएगा तो वह काफी लोगों को बीमार कर सकता है.


नये नियम का होगा पालन


प्रयागराज के होटल संचालकों ने इसे लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. संचालकों का कहना है कि ग्राहकों की सेहत को लेकर कड़े कदम उठाया जाना ज़रूरी है, लेकिन इसके साथ ही होटलों के कारोबार को भी ध्यान देना चाहिए. होटल मैनेजर रवि मोंगिया का कहना है कि उनके यहां पहले से ही सभी ग्राहकों से संक्रमित न होने का सेल्फ डेक्लेरेशन लिया जाता है. नया नियम लागू होने पर उसका पालन भी किया जाएगा. दूसरी तरफ होटल मैनेजर मनोज कुमार सिंह का कहना है कि ग्राहकों की सेहत के साथ ही प्रशासन को होटल संचालकों के कारोबार के बारे में भी सोचना चाहिए.


होटल कारोबार का रखा जाए ध्यान


होटल कारोबार से जुड़े ज़्यादातर लोगों का कहना है कि कोरोना की वजह से उनका बिजनेस वैसे ही करीब एक साल से पूरी तरह ठप्प है. ऐसे में अगर सभी ग्राहकों के लिए कोविड की रिपोर्ट अनिवार्य कर दी जाएगी तो ग्राहकों की संख्या और घट जाएगी और उन्हें आर्थिक तौर पर ज़्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा. तमाम कारोबारियों ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं. उनकी यह दलील है कि इस सीज़न में भी दस फीसदी से कम ग्राहक ही माघ मेले की लिए आते हैं. बाकी या तो आफिस वर्क वाले होते हैं या फिर घूमने वाले. ऐसे में सभी के लिए इस तरह की पाबंदी लगाना कतई ठीक नहीं होगा.


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